गैंगस्टर पर इंदौर पुलिस कमिश्नरी का मनमाना फैसला कोर्ट ने पलटा

पुलिस ने शांतिभंग करना बताकर जेल भेजा, कोर्ट ने कहा- रिहा करो

इंदौर। शहर इंदौर में कमिश्नर प्रणाली लागू है और पुलिस को फैसलों के अधिक अधिकार मिले हुए हैं। इसी बीच डीसीपी कोर्ट के एक फैसले को जिला कोर्ट ने तीखी टिप्पणी के साथ पलट दिया। मामला एक गैंगस्टर को पुलिस द्वारा जेल में डाल देने से जुड़ा है। जिला कोर्ट ने उसे तुरंत रिहा करने के निर्देश दिए।

दरअसल, डीसीपी कोर्ट ने धमकाने के आरोप में गैंगस्टर हेमंत यादव को बॉन्डओवर के उल्लंघन का दोषी माना था और उसे जेल भेज दिया था। इसके खिलाफ आरोपी जिला कोर्ट पहुंचा। बचाव पक्ष की दलीलों के बाद कोर्ट ने पुलिस से पूछा कि दो लोगों के आपस का विवाद लोकशांति भंग कैसे हो सकता है? इसके बाद आरोपी को रिहा कर दिया गया। पुलिस ने इस केस के कमजोर पड़ने के मामले में कहा है कि चूंकि धमकाए गए पीड़ित ने रिपोर्ट की थी, बाद में उसने बताया कि समझौता हो गया है। मामले में अग्रिम कार्रवाई पर विचार करने की बात कही है।

मामला गैंगस्टर हेमंत यादव से जुड़ा है। उसके खिलाफ इंदौर के परदेशीपुरा, कनाड़िया, लसूड़िया, एमआईजी, छोटी ग्वालटोली, हीरानगर, विजय नगर सहित इंदौर के कई थानों में गुंडागर्दी, जमीन हथियाने, मारपीट सहित अन्य प्रकरण हैं। कमलनाथ सरकार के दौरान उसका घर भी तोड़ा गया था। परदेशीपुरा पुलिस ने उसे अच्छे आचरण और शांति बनाए रखने के लि 25 जुलाई 2022 से 24 जुलाई 2023 तक का बांडओवर कर रखा था। यानी उसे ऐसा काम नहीं करना था जिससे शहर की शांति बिगड़े।

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