इंदौर में बनी भव्य राखी श्री खजराना गणेश मंदिर को अर्पित की गई
इंदौर । आज रक्षाबंधन पर इंदौर में बनी भव्य राखी श्री खजराना गणेश मंदिर को अर्पित की जाएगी। इसे बनाने वाली समिति का दावा है कि यह वर्ल्ड की सबसे बड़ी राखी कुल 144 वर्गफीट यानी 12 बाय 12 वर्ग फीट की है। बुधवार शाम रात 9.10 बजे यह राखी भगवान को समर्पित की गई। राखी में अष्ट विनायक व सिद्धि विनायक को दिखाया गया है। इस भव्य राखी पर भक्तगण भी राखी बांध सकेंगे जिसका आॅन लाइन रिकॉर्ड होगा। क्यू आर कोड भी रहेगा जिससे राखी की पूरी जानकारी पा सकेंगे।
इस विशाल राखी का निर्माण इंदौर श्री गणेश भक्त समिति द्वारा किया गया है। राखी को चार स्थानीय कलाकारों ने 15 दिन में बनाया है। संस्थापक राजेश बिड़कर व राहुल शर्मा ने बताया समिति द्वारा सातवीं बार इस तरह की राखी का निर्माण किया जा रहा है। समिति ने सबसे पहले 7 बाय 7 की राखी का निर्माण कर खजराना गणेश मंदिर को अर्पित की थी। फिर हर साल इसका साइज क्रमश: एक-एक फीट बढ़ाते गए।इस बार भी समिति अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ रही है। इसके लिए च्वर्ल्ड बुक का रिकॉर्डज् को आमंत्रित किया है जिसका कन्फर्ममेशन भी आ गया है। यह विशाल राखी रक्षा बंधन से जन्माष्टमी तक भक्तों के दर्शन के लिए मंदिर में ही रखी जाएगी। भक्तगण अपनी राखी लाकर भी इस पर बांध सकते हैं।
इस राखी पर कितने लोगों ने राखियां बांधी इसके लिए मंदिर परिसर में आॅन लाइन बार कोड सिस्टम रखा गया है।इससे कुल संख्या पता चल सकेगी। राखी बांधने वाले भक्तों को आॅनलाइन सर्टिफिकेट प्रदान किए जाएंगे। इस अवसर पर परम पूज्य दादू महाराज, मेयर पुष्यमित्र भार्गव, पूर्व सत्यनारायण पटेल, विधायक रमेश मेंदोला, अरविंद बागड़ी, मुन्ना ठेकेदार, श्याम गुप्ता, डॉ. दिव्या गुप्ता, कथावाचक अभय मनके, समाजसेवी सहित शहर के एनजीओ शामिल होंगे।
कलाकार विजय धीमान ने बताया कि 12312 वर्ग फीट की इस राखी को बनाने के लिए आयरन की रिंग का उपयोग किया गया है।
इसके साथ ही गणेशजी की पूजन सामग्री, जूट, फोम, वैल्वेट, गोटा, एम्ब्रायडरी लेस, सवा पांच मीटर लंबा मोटा रेशमी कपड़ा, प्रोफाइल, फेविकोल, प्लास्टिक की बॉल, चमक, कुंदन, कलर एवं गोल्डन रेशम की डोरी आदि का उपयोग किया गया है।ऐसे ही थमोर्कोल से अष्ट विनायक की मूर्तियों निर्माण कर खूबसूरत रूप दिया गया है। धीमान ने बताया कि राखी निर्माण के दौरान हमारे देश की संस्कृति का ध्यान रखा गया है। इसमें सिद्ध विनायक का भी समावेश किया गया है। इसे 30 अगस्त की रात को मुहूर्त पर वैदिक पद्धति एवं मन्त्रोच्चार के साथ अर्पित किया जाएगा।
101 किलो वजनी इस राखी की विशेषता यह है कि यह पूरी तरह से असैम्बल्ड हो जाती है। यानी इसका गोलाकार वाला बेस का बड़ा हिस्सा वैसी ही रहेगा। इसमें लगने वाले आठ चक्र अलग से पैक कर दिए गए हैं। ऐसे ही थमोर्कोल से बनी अष्ट विनायक की मूर्तियां भी अलग-अलग पैक की गई हैं। 101 मीटर लम्बी डोर को भी अलग बॉक्स में रखा गया है।
ऐसे ही पूजन सामग्री जो राखी पर लगेंगी वह भी अलग बॉक्स में है। इसे एक लोडिंग वाहन से मंदिर ले जाया जाएगा। फिर खजराना गणेश मंदिर बाहर मूषक और रैलिंग के यहां उसे अर्पित कर दिया जाएगा। विशाल राखी को ऐसे स्थान पर लगाया जाएगा ताकि भक्त आराम से उसे निहार सके।
समिति की मंशा इस विशाल राखी को अनंत चतुर्दशी पर निकलने वाली झांकियों में भी रखने की है ताकि अधिकांश लोग इसे निहार सके। इसके बाद राखी को फिर असैम्बल्ड कर रख दिया जाएगा। अगले साल 13 बाय 13 वर्ग फीट की राखी का निर्माण किया जाएगा।