उज्जैन में बुजुर्गों के लिए तत्काल आरक्षण लेना टेढ़ी खीर हुआ

-पूरी रात लाईन में लगकर जागरण करने के उपरांत भी टिकट मिलेगा या नहीं इसका कोई भरोसा नहीं

उज्जैन।अगर आप वरिष्ठ नागरिक में आते हैं तो उज्जैन में आपके लिए तत्काल आरक्षण टेढी खीर है।व्यवस्था ही कुछ ऐसी है कि आपको पूरी रात रेलवे के नाम जागरण करना होगा।उस पर भी आपका लाईन में शुरूआती 9 तक नंबर है तो ठीक वरन इसके बाद आपको तत्काल आरक्षण का लाभ मिले या नहीं इसका कोई भरोसा नहीं है।पूरी रात जागने के बाद भी खाली हाथ जगन्नाथ की कहावत चरितार्थ हो सकती है।

उज्जैन में तत्काल आरक्षण का लाभ लेना हो तो पूरी रात जागना होगा।यहां व्यवस्था ही कुछ ऐसी बना दी गई है। इस व्यवस्था के पीछे भी तत्काल आरक्षण लेने वालों की खुराफात सामने आई है।थक हार कर रेलवे प्रबंधन एवं उसके सहयोगी रेलवे सुरक्षा बल ने अब ऐसी व्यवस्था पर अमल शुरू कर दिया है जिस पर चल कर वरिष्ठ नागरिकों के लिए तत्काल आरक्षण सुविधा के तहत टिकट लेना टेढी खीर बन कर रह गया है।

अभी ये की गई व्यवस्था-

वर्तमान व्यवस्था के तहत रात 10 बजे से ही आरक्षण कार्यालय के गेट पर एक और सेकंड स्लीपर एवं दुसरी और वातानुकुलित  (एसी)आरक्षण की लाईन लगती है।इसमें वहां पहुंचने वाले को रात 12 बजे बाद तक अपने नंबर पर खडा रहना पडता है। इसके बाद हर एक घंटे में रेलवे सुरक्षा बल थाना की और से डयूटीरत अधिकारी लाईन का फोटो लेता है।सुबह 07 बजे तक यह क्रम जारी रहता है।उपरांत आरक्षण कार्यालय के कर्मचारियों के आने पर लाईन को अंदर परिसर में लिया जाता है।यहां से सबसे पहले वातानुकुलित  (एसी)आरक्षण चाहने वालों को अंदर लेकर उन्हें टोकन दिया जाता है। बाद में सेकंड स्लीपर आरक्षण चाहने वालों को ।इसके उपरांत 10 बजे वातानुकुलित  (एसी) आरक्षण का तत्काल चालू होता है जिस पर टोकन लेने वाले को पहुंचकर खिडकी से अपना टिकट बनवाना पडता है।11 बजे से सेकंड स्लीपर आरक्षण चाहने वालों को। इस पूरी व्यवस्था में वरिष्ठ नागरिकों के लिए कोई राहत नहीं है।इस प्रक्रिया में रात भर जागना ही होता है।तब जाकर आपको प्रारंभिक 9 नंबर तक के टोकन मिलने पर तत्काल का लाभ मिलने की पूरी संभावना रहती है उसके बाद के टोकन नंबर को लेकर आपकी किस्मत ही है।

एक खुराफात से सबको मिला दंड-

रेलवे सुरक्षा बल के एक कर्मचारी के अनुसार पूर्व में आरक्षण कार्यालय के गेट पर एक कागज पर रात 11 बजे बाद तत्काल आरक्षण चाहने वाले आकर अपना नाम और मोबाईल नंबर लिखकर चले जाते थे।उस अनुसार एक सूची तैयार हो जाती थी।सुबह 6 बजे बाद लाईन भी उसी अनुसार लग जाती थी। टोकन भी उसी अनुसार आरक्षण कार्यालय कर्मचारी मशीन से निकलवा देते थे।कुछ शरारती तत्वों ने यहां भी खुराफात कर दी।कागज की सूची को बदल कर अपना नाम सबसे उपर लिखते हुए बदल दिया,जिस पर विवाद हुए और अंतत:नियम कानून की व्यवस्था रेलवे को करना पडी ।

कुछ यूं मिल सकती है वरिष्ठजनों को राहत-

कष्टदायी व्यवस्था को लेकर दैनिक अवंतिका ने आरक्षण कार्यालय के बाहर तीन दिन तत्काल आरक्षण का लाभ लेने पहुंचने वाले वरिष्ठ नागरिकों से सुझाव जाने ।वरिष्ठ नागरिकों के अनुसार आरक्षण कार्यालय के नजदीक ही रेलवे सुरक्षाबल का थाना है।थाना भवन के बाहर हर समय एक आरक्षक उपसि्थत रहता है। रात 12 बजे से वहां सीसी टीवी कैमरा के निगरानी में टेबल पर एक रजिस्टर रखा जाए। इस पर लाईन के लिए आने वाले आगंतुक अपनी हेंड राईटिंग में अपना नाम एवं मोबाईल नंबर अंकित करें।इस अनुसार ही लाईन का क्रम माना जाए। विवाद की सि्थति में हेंड राईटिंग और सीसी टीवी कैमरा निष्पक्षता से क्रम सामने रखेगा ,इससे वरिष्ठजनों को तत्काल आरक्षण की वर्तमान पीढादायक व्यवस्था से छुटकारा मिल सकेगा और उनकी नींद भी हराम नहीं होगी। साथ ही दलाल और ट्रेवल्स वालों के गडबड को भी रोका जा सकेगा।

-वर्तमान व्यवस्था मेरी जानकारी में आपके माध्यम से आई है।इस पर तत्काल ही रेलवे के जिम्मेदार अधिकारियों से चर्चा कर वरिष्ठ नागरिकों एवं आमजन हितैषी व्यवस्था लागू करवाएंगे।

-महेन्द्र गादिया,सदस्य रेलवे सलाहकार समिति,उज्जैन

-इस समस्या के निदान के लिए पूर्व में कई बार कवायद हुई है।इस बार जल्द ही इसका निदान करते हुए वरिष्ठ नागरिकों को इससे निजात दिलाएंगे।

-मुकेश जैन,स्टेशन प्रबंधक,उज्जैन