आसान नहीं होगा वाटर प्लस सर्वे मैदान में उतरी निगम की टीमेंकुल 9000 अंकों के स्वच्छ सर्वेक्षण में वाटर प्लस सर्टिफिकेट के लिए 1200 अंक रखे गए हैं।
इंदौर । स्वच्छता में छक्का लगा चुका इंदौर इस बार स्वच्छता का सातवां आसमान छुने को बेताब है। स्वच्छ सर्वेक्षण टीम इंदौर का निरीक्षण कर चुकी है। इंदौर में अब वाटर प्लस सर्वे होना है। इसके लिए सर्वेक्षण टीम एक सप्ताह में पहुंच जाएगी। इंदौर के लिए वाटर प्लस सर्टिफिकेट महत्वपूर्ण साबित होने वाला है।
इसकी वजह है कि 9000 अंकों के स्वच्छ सर्वेक्षण में वाटर प्लस सर्टिफिकेट के लिए 1200 अंक रखे गए हैं। यानी जिस शहर के पास यह सर्टिफिकेट होगा उसे स्वत: ही 1200 अंक प्राप्त हो जाएंगे। पिछले वर्ष स्वच्छ सर्वेक्षण में सूरत और नवी मुंबई ने इंदौर के सामने जोरदार चुनौतियां प्रस्तुत की थीं। इन दोनों शहरों और इंदौर के अंकों में 225 से 250 अंकों का ही अंतर था।
यह करना होगा
वाटर प्लस सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए इंदौर को नालों को साफ करना होगा। कान्ह और सरस्वती नदियों में मिलने वाले आउटफाल बंद करना होंगे। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की गुणवत्ता पर ध्यान देना होगा। नदी नालों के आसपास सफाई रखना होगी। ऐसी व्यवस्था करना होगी ताकि नदी और नालों आपस में मिल न सकें। कान्ह और सरस्वती नदियों में से गाद निकालना होगी ताकि बहाव निर्बाध रुप से बना रहे।
वर्षा की वजह से आ सकती है परेशानी
नगर निगम के लिए वाटर प्लस सर्वे इस वजह से भी मुश्किल भरा होगा क्योंकि यह वषार्काल में हो रहा है। सर्वेक्षण टीम एक सप्ताह में इंदौर पहुंच जाएगी। मौसम विभाग की मानें तो सितंबर के पहले सप्ताह में वर्षा का दौर फिर शुरू हो सकता है। ऐसे में वर्षा की वजह से निगम के सामने परेशानियां आ सकती हैं।