सोयाबीन की फसल समय पर पानी न मिलने से बीमार

उज्जैन।जिले के अधिकांश क्षेत्रों में पिछले एक माह से पानी न गिरने से सोयाबीन की फसल गंभीर बीमार हो गई।यही हाल रहा और अगले कुछ दिन और पानी न बरसा तो यह बीमारी फसल के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। वैसे ज्यादातर फसल में पौधे सूखा की चपेट में आ चुके हैं और फली में दाने ही नहीं भर पाए हैं।ऐसे पौधों की संख्या खेतों में नजर आने लगी है।

उज्जैन जिला में सोयाबीन की अधिकांश बोवनी  25-26 जून के आसपास ही की गई थी।बोवनी के बाद से जिले में करीब 40 दिन तक बराबर पानी गिरता रहा ।फसल ने अच्छी बडवार पकडी थी ।किसानों को उम्मीद थी की इस बार बारिश के बराबर होने से फसल भी अच्छी होगी,लेकिन अगस्त के महीने में नाममात्र की बरसात होने से किसानों के सपने पर पानी फिर गया है। पिछले 25 दिनों से फसल पानी के अभाव में ही खडी है।हालत यह है कि पानी के अभाव में खेतों में खडी फसल के अधिकांश पौधे बीमार पड गये हैं।पौधों के तने पीले पड चुके हैं।ऐसे पौधों पर अगर अब बरसात का पानी भी पडता है तो उन्हें नया जीवन मिलना मुशिकल ही रहेगा। पानी के इंतजार में किसानों की चिंता बढती जा रही है। किसान फसल के बीमार होने के पीछे सिर्फ एक ही कारण बता रहे हैं समय पर पानी न बरसने का। किसानों का कहना है कि जलस्तर भी नीचे होने से पानी पर्याप्त रूप से पिलाना आसान नहीं हैं। पानी होने की सि्थति में पर्याप्त बिजली न मिलना भी बताया जा रहा है।ऐसी सि्थति उज्जैन तहसील,घटिट्या तहसील से सामने आ रही है।

जिले के घटिट्या तहसील निवासी बडे किसानों में शामिल बहादुरसिंह बोरमुंडला ने बताया पानी की लंबी खेंच के कारण फसलें प्रभावित हुई हैं।नुकसान हो रहा है।अगले दो दिन पानी की सख्त आवश्यकता फसलों को है।दो दिन में बारिश होने पर रिकवरी हो सकती है।अगर बारिश नहीं हुई तो नुकसान होना तय है। श्रावण मास में खेतों में नमी रहती है।भादौ अधिकमास में बरसात की खेंच हो गई है।इस दौरान पानी नहीं बरसा और धूप रही तेज धूप और गर्मी से फसलों को ज्यादा नुकसान हुआ है।अब कुंवार मास में वैसे ही गर्मी ज्यादा होती है कहावत है कि कुंवार में हिरण भी काला पड जाता है।इस हाल में पानी नहीं बरसा तो फसल प्रभावित होकर नुकसान होगा।

जिले में बारिश की सि्थति एक माह में-

तहसील                  31 जुलाई                   31 अगस्त

उज्जैन                  594                          608

घटिट्या                  364                         373

खाचरोद                 506                         602

नागदा                   665                       696

बडनगर                472                       560

महिदपुर               500                       515

झार्डा                  607                         640

तराना                    674                      696

माकडौन                393                       413

स्त्रोत- जिला भू- अभिलेख कार्यालय।आंकडे मिलीमीटर में हैं।