टीएमयू की उपलब्धि: लॉ शोधार्थी और एल्युमिना का यूपी के पीसीएस- जे में चयन
मुरादाबाद। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी की झोली में एक और उपलब्धि आई है। टीएमयू के स्टुडेंट्स विभिन्न क्षेत्रों में अपनी अलग पहचान बना रहे हैं। यूनिवर्सिटी के लिए यह बड़े गौरव की बात है। टीएमयू में लॉ कॉलेज के शोधार्थी- विशाल दीक्षित और एक एल्युमिना- प्रगति ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, प्रयागराज की न्यायिक सेवा सिविल जज की परीक्षा में अपना परचम लहराया हैं। मसलन इन दोनों स्टुडेंट्स- विशाल दीक्षित और प्रगति का पीसीएस-जे 2022 में फाइनल चयन हो गया है। नवाबगंज, बरेली के निवासी श्री विशाल दीक्षित तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ लॉ एंड लीगल स्टडीज में डीन प्रो. हरबंश दीक्षित के निर्देशन में अपना शोध कार्य कर रहे हैं। विशाल दीक्षित दो बेटियों के पिता है। वह भारतीय वायुसेना में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उन्होंने एलएलबी गुजरात,जबकि एलएलएम उत्तराखंड से किया है। वर्तमान में वह एसबीआई की नवाबगंज शाखा में कार्यरत हैं। प्रीत विहार, मुरादाबाद की निवासी प्रगति सत्र 2012-17 बैच की बीए-एलएलबी की छात्रा रही हैं। प्रगति के पिता सिंचाई विभाग में कार्यरत हैं।
लॉ कॉलेज के डीन प्रो. हरबंश दीक्षित कहते हैं, ये स्टुडेंट्स न केवल ज्यूडिशियल क्षेत्र में तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी का नाम रोशन करेंगे, बल्कि अपने परिजनों के साथ-साथ गुरुओं का भी मस्तक ऊँचा करेंगे। एल्युमनाई रिलेशन सेल- एआरसी के ज्वाइंट रजिस्ट्रार प्रो. निखिल रस्तोगी एल्युमनाई को यूनिवर्सिटी का सबसे मजबूत स्तंभ बताते हुए कहते हैं कि दुनिया की किसी भी यूनिवर्सिटी की पहचान और विकास का पैमाना उसके एल्युमनाई ही होते हैं। एल्युमनाई जूनियर्स स्टुडेंट्स के लिए रोल मॉडल की मानिंद होते हैं। रिसर्च स्कॉलर श्री विशाल दीक्षित कहते हैं, पीड़ित को त्वरित न्याय दिलाना प्राथमिकता है। साथ ही न्याय पारदर्शिता और तार्किता के साथ होना चाहिए,जबकि प्रगति कहती हैं, सभी को त्वरित न्याय दिलाना जरूरी है। विक्टिम के न्याय में देर होने से एक और अन्याय न हो।