आरोप के बाद जांच में जिला पंचायत को मिली गड़बड़, सरकारी शालाओं में हुए घोटाले की जांच सौंपी उज्जैन जेडी को
लापरवाही : डीईओ ने नहीं दी विद्यालयों की सूची, एक माह पहले भेजा पत्र, अब तक जवाब नहीं
नगर प्रतिनिधि इंदौर
जिले में सरकारी स्कूलों में रखरखाव के लिए आई राशि में बड़ा घोटाला सामने आने पर जांच हुई पर जिला पंचायत ने इस पूरे मामले में जांच के बाद मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। अब इस मामले के खुलासे के बाद शासन ने जांच बैठाई और जांच का जिम्मा लोक शिक्षण विभाग, उज्जैन संभाग को सौंप दिया है, लेकिन आलम देखिए कि जांच अधिकारी को अभी तक इंदौर से जरूरी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। इंदौर डीइओ की इस गैर जिम्मेदारी से जांच ही आगे नहीं बढ़ पा रही है।
दरअसल, मामला यह है कि सरकार ने 126 विद्यालयों में विभिन्न कार्यों के लिए 3-3 लाख रुपए मंजूर किए थे। इससे 116 विद्यालयों में काम हुए और उन्होंने कॉन्ट्रेक्टरों को भुगतान भी कर दिया, पर इसमें आरोप है कि अधिकांश ठेके एक ही फर्म को दिए गए। यह मामला जिला पंचायत के सदस्यों ने ही उठाया था।
कलेक्टर ने कराई थी जांच
बताते है कि कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी. के संज्ञान में उक्त मामला आने के बाद उन्हीं के निर्देश पर जिला पंचायत सीईओ वंदना शर्मा ने विभाग के 15 इंजीनियरों से आरोप की जांच कराई। इस दौरान 22 इंजीनियरों ने अपनी रिपोर्ट में 3 लाख से कम का काम होना बताया था। इस गड़बडी के सामने आने के बाद दी गई रिपोर्ट में 1-1 लाख रुपए से लेकर 2.9 लाख रुपए तक के काम होना बताया गया।
प्राचार्यो को दिए थे नोटिस
इस कहानी में एक दिलचस्प बात यह भी है कि जहां गड़बड़ी मिली, उन विद्यालयों के प्राचार्यों को वसूली के नोटिस जारी किए गए थे। इस दौरान मामला काफी गरमा गया था। इसके बाद इस पर कुछ नहीं हुआ।
शासन ने बैठाई जांच पर जांच
जानकारी के अनुसार मामला बढ़ने पर लोक शिक्षण मप्र के आयुक्त ने इस मामले में गत 10 मई को ही संयुक्त संचालक (लोक शिक्षण विभाग, उज्जैन) को जांच के आदेश जारी कर दिए थे। संयुक्त संचालक ने जांच के लिए इंदौर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से वित्तीय वर्ष 2022-23 में शासकीय हाईस्कूल-हा.से. स्कूलों में विभागीय परिसंपत्तियों के अनुरक्षण अंतर्गत कार्यों से संबंधित प्राप्त शिकायत में आयुक्त के निर्देश पर की जा रही जांच में उन विद्यालयों (जहां कार्य कराया) की सूची मांगी थी। इस संबंध में संयुक्त संचालक ने 5 जून को पत्र भी लिखा, लेकिन अभी तक उन्हें दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए हैं।
भेज दी है, और भेज देंगे-डीईओ
इस बारे में डीईओ मंगलेश व्यास का कहना है कि, हममें पत्र अनुसार विवरण भेज दिया है और यदि नहीं भेजा गया है एडीपीसी के आते ही और भेज देंगे’ यहां पूरे दस्तावेज तैयार रखे हैं, वो जब भी आएंगे, उनको दिखा देंगे’ आपके अनुसार दस्तावेज भेजने नहीं थे’