परिवार से बड़ा कर्तव्य-रक्षाबंधन पर अस्पताल में डयूटी करना
सुसनेर । रक्षा बंधन के त्योहार पर जिस वक्त देश भर में बहनें भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांध रहीं थीं तब सुसनेर के सिविल अस्पताल में डयूटी नहीं होने पर भी डॉक्टर नीलम जैन अस्प्ताल में आने वालें मरीजों के इलाज में जुटी थीं। रक्षा बंधन के दिन भी डॉक्टर जैन ने वार्ड के मरीजों के इलाज के साथ मेटीनेटी वार्ड में डिलेवरी के लिए आई महिलाओं को देखा। ये इसके सबसे अच्छे उदाहरण है कि कैसे डयूटी निभाकर या डयूटी नहीं भी हो तब भी किसी का जीवन बचाना ही उनके जीने का तरीका है। डॉक्टर नीलम कहती है कि जिंदगी बचाना रक्षाबंधन का सबसे बड़ा गिफ्ट है। एक दूसरे की रक्षा और कर्तव्य का बोध रक्षाबंधन पर्व कराता है,जिंदगी की रक्षा से बड़ा कोई बंधन नहीं हो सकता है। नीलम ने बताया कि भाई अन्य शहर में पढ़ाई के लिए गया हुआ था आज सुबह ही घर लोटा है,भुआ व अन्य परिवार घर पर आए हुवें है किंतु वे अपने फर्ज को पूरा करने के लिए यहां इमजेंन्सी में डयूटी पर पहुंची है। डयूटी पर पहुंचते ही नीलम जैन का सामना आमला नानकार निवासी 10 वर्ष के बच्चा जो पिछले 3 दिनों से बुखार के चलते बीमार से होती है, इस दौरान एलकार की मॉ की आॅखों में आॅसु थे कि उनका बच्चा बोल नहीं रहा है। नीलम ने उसका इलाज कर बच्चे की मॉ को ठीक होने का भरौसा दिलाया। अधिकांश समय पर ऐसे काम नजर आ जाते है। तो कभी-कभी नजर में नहीं आते है। इनका भी परिवार से बड़ा कर्तव्य
डॉक्टर के साथ स्टॉफ नर्स भी जनरल वार्ड एवं मेटरनिटी वार्ड में डयूटी पर तैनात रही। सिविल अस्प्ताल सुसनेर में 11 नर्सिग स्टॉफ नर्स डयूटी कर रही है। रक्षाबंधन पर 5 पर अवकाश के बाद शेष बची 6 स्टॉफ नर्सो ने जनरल वार्ड एवं मेटरनिटी वार्ड में अपनी डयूटी निभाई। इन्होंने भी परिवार से बड़ा अपना कर्तव्य मानते हुवें रक्षाबंधन त्यौहार नहीं मनाया।मेटरनिटी इन्चार्ज सािहबा कौसर ने बताया कि रक्षाबंधन पर सुबह 8 बजे से में तथा मेरे साथ प्रियंका उईके डयूटी पर मौज्ूद रहीं। वही वार्ड में पूजा डेहरिया,राजकुमारी बरकडे मौजूद रही। दोपहर 2 बजे से रेमिया रामचंद्र डयूटी पर रही।