रुनिजा : बारिश को लेकर हवन पूजन के साथ नगर देवता का पूजन किया प्रजापति समाज ने नगर के देवी-देवताओं को करवाया स्नान
रुनिजा । सावन का महीना समाप्त हो चुका है तथा भादौ माह की शुरूआत हो चुकी है। लेकिन क्षेत्र में बारिश का दूर-दूर तक कोई नामो निशान नहीं है बारिश नहीं गिरने से एक ओर हर किसी के चेहरे पर चिंता की लकीरें उभरी हुई है और विशेष कर अन्नदाता सबसे ज्यादा परेशान है। वर्तमान में सोयाबीन आदि फसलों को पानी की सख्त जरुरत पड़ रही है और आसमान से बारिश की जगह तेज धूप बरस रही है इसलिए फसलें मुरझाने लगी है। बारिश की कामना को लेकर जगह-जगह ग्राम वासी अपने स्तर पर पूजा पाठ आदि उपाय कर रहे हैं।
इसी कड़ी में अजड़ावदा में पूरे ग्रामवासियों ने अपने समस्त कारोबार बंद रखकर खेड़ा देव पूजन का आयोजन किया जिसमें गांव के अंदर तथा गांव की सीमा के में जितने भी देवी-देवता के स्थान व मन्दिर हैं सबका ढोल धमाकों से पूजन पाठ किया गया। इस गांव की एक सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां पूजन के पूर्व प्रजापति समाज द्वारा समस्त देवी-देवताओं के स्थान पर जाकर गंगाजल और जल से स्नान कराया जाता है। इस संदर्भ में देवीलाल प्रजापत ने बताया कि वर्षों से इस गाव में खेड़ा देव पूजन का आयोजन होता आ रहा है। उक्त आयोजन में हमारे पूर्वज सभी देवताओं को गंगाजल या जल से स्नान करवाते आ रहे यही परम्परा हम भी निभा रहे हैं और उसके बाद गांव की समिति द्वारा नियुक्त कार्यकर्ता सभी स्थानों पर जाकर सिंदूर नारियल झंडा लगते हैं व धूप ध्यान करते और शाम को 5 बजे हनुमान मंदिर पर यज्ञ का आयोजन होता है। पूजन के आयोजन में ओरा ग्राम सहयोग करता है। इस संदर्भ आयोजन समिति के सदस्य रामेश्वर दास बैरागी, सर्वेश सिह परिहार, पदम सिंह डाबी, देवसिंह देवड़ा, चतरसिंह देवड़ा ने बताया कि इस आयोजन में प्रत्येक घर से सहयोग राशि लेकर देवताओं का पूजन-हवन इस वर्ष भी किया गया।
तथा हनुमान मंदिर पर हवन कर समस्त देवताओं की आरती उतार के प्रसादी वितरण की गई। इस गांव में उज्जैयनी का आयोजन नहीं होता है। इस संदर्भ में जब कुछ लोगों से चर्चा की तो कई लोगों ने कहा कि हमारे गांव में उज्जैनी नहीं मनाई जाती। कारण कि यहां कोई ऐसी घटना घट गई थी उसके बाद से विगत कई वर्षों से प्रथा बंद है। और गांव के लोग उज्जैयनी मनाने नहीं जाते हैं और इस परंपरा का निर्वाह करते हैं।