इस बार जन्माष्टमी पर सर्वार्थ सिद्धि योग 6 सितंबर को मनाना शास्त्र सम्मत रहेगा
रोहिणी नक्षत्र एवं वृषभ का चंद्रमा भी इसी दिन रहेगा भगवान के जन्म के समय ग्रह नक्षत्र की यहीं स्थिति थी
उज्जैन । जन्माष्टमी का पर्व इस बार उज्जैन में दो दिनों तक मनाया जाएगा। लेकिन ज्यादातर लोग 6 सितंबर को ही मनाएंगे। इस दिन खास तौर से सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग भी बन रहा है जो कि पर्व को और विशेष बना रहा है। वहीं 6 तारीख को ही जन्माष्टमी मनाना शास्त्र सम्मत रहेगा।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. अमर डिब्बावाला ने बताया कि भादौ कृष्ण अष्टमी पर श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाने की परंपरा है। इस बार 6 सितंबर बुधवार के दिन रोहिणी नक्षत्र तथा वृषभ राशि के चंद्रमा की साक्षी में जन्माष्टमी रहेगी। द्वापरयुग में भी भगवान श्री कृष्ण के जन्म के समय ग्रह नक्षत्र की यहीं स्थिति थी। धर्म-शास्त्र में उल्लेख है कि जन्माष्टमी रोहिणी युक्त मध्य रात्रि में ही विशेष मनाई जाना चाहिए। वहीं अष्टमी तिथि का भी योग बुधवार की मध्य रात्रि में ही रहेगा।
चंद्रमा उच्च अंश के होंगे, सर्वार्थसिद्धि में पूजा-साधना से से विशेष फल मिलेगा
इस दृष्टि से 6 सितंबर बुधवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाना शास्त्रागत रहेगा। इस दिन अष्टमी तिथि पर बुधवार का दिन एवं मध्य रात्रि में रोहिणी नक्षत्र रहने से सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन चंद्र उच्च अंश में होकर केंद्र त्रिकोण को साधेंगे। इस दृष्टि से यह योग विशेष रूप से पूजन का फल देने वाला बताया जाता है। इस दौरान सर्वार्थ सिद्धि योग में विशिष्ट पूजन, साधना, आराधना से भी फल की प्राप्ति होगी।