इंदौर मेट्रो : एक कोच में 350 यात्री सफर कर सकेंगे, 24 घंटे चल रहा काम

 

इंदौर। मेट्रो के ट्रायल रन की तैयारी आखिरी चरण में है। कोच आपस में कनेक्ट करने के बाद इनकी मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल के अलावा सॉफ्टवेयर टेस्टिंग शनिवार से शुरू कर दी गई। गांधीनगर डिपो पर तीन शिफ्ट में 24 घंटे काम हो रहा है। मेट्रो रेल के अलावा मेट्रो बनाने वाली एलस्टॉम के कर्मचारी भी यहां हैं। हर कोच एंटी बैक्टीरिया और एंटी वायरल सिस्टम वाला रहेगा। अगले हफ्ते में कभी भी इसकी ट्रायल रन की घोषणा कर दी जाएगी। दरअसल आईबीपी पाइंट पर ही ट्रेन को ट्रायल रन के पहले पूरी तरह ओके किया जाता है। कंपनी के सीनियर इंजीनियर्स, टेक्निकल एक्सपर्ट्स, सुपर वाइजर सहित 50 से ज्यादा लोगों की टीमें लगी हुई हैं।
मेट्रो ट्रेन का ट्रायल रन समय पर करने के लिए ट्रायल रूट पर 4 हजार से ज्यादा लोगों की टीम दिन-रात काम कर रही है। तकनीकी काम के लिए हैदराबाद, बेंगलुरु से आए इंजीनियर्स की टीम जुटी हुई है। गांधी नगर में बने डिपो यार्ड में एक साथ सारे काम चल रहे हैं।
सुपर कॉरिडोर पर 5.9 किमी हिस्से पर संभवत: 14 सितंबर को ट्रायल रन होना है। इस बीच यार्ड में शेड लगाने का काम चल रहा है, वहीं स्टेबलिंग-बे पर खड़ी ट्रेन के तारों को जोड़ने का काम चल रहा है। इसके लिए कोच बनाने वाली कंपनी एल्स्टॉम के इंजीनियरों की टीम भी इंदौर आई है। एक तरफ जहां ट्रेन के तीनों कोच को जोड़ने का काम चल रहा है, वहीं साथ में थर्ड रेल प्रणाली का काम भी जारी है।
श्रमिकों में से ज्यादातर तमिलनाडु सहित दक्षिण भारत से हैं। उप्र के लखनऊ सहित वहां के अन्य शहरों से भी लोग आए हैं। श्रमिकों के लिए वहीं शिविर लगाए गए हैं। मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने कंसल्टेंट को भी नियुक्त किया है। इनके ठहरने के लिए विजय नगर में होटलों में कमरे बुक हैं। कंपनी ने कुछ लोगों के लिए एक महीने तक के लिए होटल बुक किए हैं।

स्टेबलिंग-बे (जहां ट्रेन खड़ी है) पर यह काम अभी पूरा नहीं हुआ है। यह लोहे का पिलरनुमा स्ट्रक्चर है, जिस पर मेट्रो को रखा जाएगा। इनके बीच इतनी जगह रहती है कि कभी किसी तरह की तकनीकी खामी या नियमित जांच करना हो तो दिक्कत न आए।
तीनों कोच को कपल कर दिया है लेकिन अब ब्रेक, गेट सहित हर सिस्टम की जांच की जाएगी। इसके बाद इंटीग्रेटेड टेस्टिंग होगी। चूंकि यह ट्रेन थर्ड रेल प्रणाली पर काम करेगी तो इसके लिए यार्ड में स्ट्रिजर से पॉवर सप्लाय शुरू करने की कोशिशें होती रहीं। स्ट्रिजर को 750 वोल्ट डीसी पर इसे कनेक्ट करेंगे।