इंदौर के विकास के लिए नाइट कल्चर जरूरी – कलेक्टर, कमिश्नर ने कहा
इसके सकारात्मक पहलू को भी समझना होगा, बड़ी कंपनियों के अनुरोध पर दी नाइट कल्चर की अनुमति
इंदौर। नाइट कल्चर को लेकर सोशल मीडिया में की जा रही नकारात्मकता के कारण नागरिक उद्वेलित हैं। बगैर गम्भीरता से अध्ययन किए और उसके लाभ-हानि पर बगैर सोचे-समझे विरोध किया जा रहा है। किसी भी शहर की संस्कृति एक होती है, उसे दिन और रात के रूप में बांटी नहीं जा सकती। इन्दौर तेजी से विकास कर रहा है। अतः आर्थिक प्रगति तथा लोगों को रोजगार देने के उद्देश्य से रात्रिकालीन कार्य संस्कृति को बढ़ावा दिया जाना बहुत जरूरी है। कलेक्टर इलैया राजा टी. ने अभ्यासमंडल द्वारा आयोजित भाषण प्रतियोगिता के विजेताओं के लिए एक लाख रुपए देने की घोषणा की।
पुलिस कमिश्नर तथा कलेक्टर ने अभ्यास मंडल द्वारा रात्रिकालीन कार्य संस्कृति एवं उसका प्रभाव विषय पर अन्तर विद्यालय विद्यार्थियों के लिए आयोजित भाषण प्रतियोगिता में उपस्थित विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के समक्ष यह बात कही। पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर ने कहा कि कई बड़ी कम्पनियों, आईटी कंपनियों सहित अन्य लोगों के अनुरोध पर आर्थिक विकास हेतु विभिन्न संस्थाओं में कार्यरत लोगों के एवं शहर के अन्य लोगों के लिए रात्रिकालीन संस्कृति को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रयोग के रूप में अनुमति दी गई है।
इंदौर के भविष्य की चिंता करना सभी का दायित्व- कलेक्टर
कलेक्टर इलैया राजा टी. ने कहा कि इंदौर के भविष्य के लिए चिंता करना हम सभी का दायित्व है। पहले देश कृषि प्रधान था किंतु अब औद्योगिक उत्पादन और सर्विस क्षेत्र में तथा आईटी में बहुत तेजी से विकास कर रहा है। इसके लिए रात्रिकालीन कल्चर बहुत जरूरी है। इसके द्वारा आर्थिक विकास एवं लोगों को रोजगार के साथ आय भी बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि राजीव गांधी चौराहा से विजयनगर तक हजारों दुकानें एवं कारोबारी हैं, जिनके माध्यम से रात्रिकालीन समय में काफी लाभ उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नशा बहुत महत्वपूर्ण विषय है। इसका विरोध अगर होता है तो ठीक है, नशा नहीं होना चाहिए तथा बढ़ना भी नहीं चाहिए, क्योंकि इसका प्रभाव स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थियों में भी तेजी से हो रहा है।