आखिर क्यों जिला प्रशासन लीज नवीनीकरण के मामले में हो रहा फिसड्डी
इंदौर। नजूल भूमि पर शासन के माध्यम से लीज निर्धारण कर जमीन अलग-अलग उपयोग के लिए एक निर्धारित वार्षिक दर पर उपलब्ध कराई गई है। उक्त भूमि के लीज रेंट जमा कराने और नवीनीकरण को लेकर वर्तमान जिम्मेदार कोई ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। नजूल भूमि को लेकर जिले में पूर्व में लंबे समय तक कई कार्य किए गए हैं, जब जिले में एक ही नजूल अधिकारी होते थे।
1 वर्ष से हो रहा पत्राचार
वर्तमान में प्रत्येक अनुभाग के अनुविभागीय अधिकारी स्वयं नजूल अधिकारी है। इस तरह जिले में प्रत्येक तहसील में अलग-अलग अधिकारी होने के बावजूद लीज रेंट जमा कराने और लीज नवीनीकरण को लेकर कार्य पर कोई ध्यान नहीं दे पा रहा है। जिले में नजूल भूमि 108 लोगों को अलग-अलग उद्देश्य से लीज पर उपलब्ध कराई गई है। उक्त भूमि के लीज रेंट को लेकर लगातार 1 वर्ष से पत्राचार करने के बावजूद किसी भी अधिकारी ने राशि जमा करवाने पर ध्यान नहीं दिया। जिले में अभी तक मात्र 31 लीज धारकों ने ही राशि जमा कराई है जबकि 73 मामले में राशि अभी भी जमा नहीं हो पाई है। उक्त नजूल भूमि तहसील जूनी इंदौर मल्हारगंज और राऊ में बताई जाती है। जूनी इंदौर में 39 मल्हारगंज में 28 और राऊ तहसील में 8 लीज धारक हैं। तहसील बिचोली हप्सी स्थित ट्रूबा कॉलेज और एक अन्य ने राशि जमा कराई है। बताया जाता है कि लीज के सर्वाधिक 55 मामले तहसील जूनी इंदौर में सामने आए हैं।
कई संस्था नहीं जमा करा रही लीज रेंट
उल्लेखनीय है कि पूर्व में स्कूल-कॉलेज के साथ ही गृह निर्माण संस्था, शासकीय भवन, विकास प्राधिकरण, हाउसिंग बोर्ड सहित कई संस्थाओं और सामाजिक संगठनों को भी नजूल भूमि नाम मात्र की लीज पर शासन ने उपलब्ध कराई है। उक्त लीज रेंट नाम मात्र होने के बावजूद अधिकांश संस्थाओं ने अभी तक राशि जमा कराने पर ध्यान नहीं दिया वहीं बकाया राशि को लेकर भी अधिकारियों ने कोई पहल नहीं की है। हाल ही में कलेक्टर इलैया राजा टी और अपर कलेक्टर सपना लोवंशी ने समय सीमा और राजस्व अधिकारियों की बैठक में नजूल भूमि के मुद्दे को रखकर अधिकारियों से तुरंत कार्य करने की बात कही थी। जिले में कई नजूल भूमि ऐसी है जिसके लिए मात्र अनुबंध हुए हैं किंतु शासन स्तर पर अभी तक दर का निर्धारण नहीं होने के कारण उक्त भूमि की लीज तैयारी नहीं हुई और वहां पर निर्माण कार्य भी हो गए जिसको लेकर जिला प्रशासन ने पूर्व में कार्रवाई की थी जो वर्तमान में लंबित पड़ी है। वही पूर्व में लीज पर दी गई भूमि की लीज निरस्ती के आदेश भी जारी किए गए जिन मामलों में कोर्ट में सुनवाई भी चल रही है किंतु उनमें अभी तक प्रशासनिक पहल नजर नहीं आ रही है।
नीलामी के नियम पहले से बने हुए
वर्तमान में शासन ने शेष बची नजूल भूमि को लेकर लैंड बैंक तैयार कर लिया है । उक्त भूमि को लेकर शासन द्वारा बनाए गए नए नियम नजूल निवर्तन अधिनियम के तहत उक्त भूमि को आवंटित करने के लिए दर निर्धारित कर दी गई है जिसे कलेक्टर की सहमति के बाद जिला व संभाग स्तरीय समिति की अनुशंसा पर आवंटित किया जाना है। दूसरी ओर महत्वपूर्ण नजूल भूमि को शासन के माध्यम से विज्ञप्ति जारी कर नीलामी की कार्रवाई करने के नियम भी बनाए गए हैं।