सितंबर में अप्रैल जैसी गर्मी तापमान 35 डिग्री के पास अगस्त में अब तक की सबसे कम बारिश दर्ज
उज्जैन । अगस्त माह में अब तक की सबसे कम बारिश के चलते सितंबर माह में अप्रैल जैसी गर्मी के हालत बन गये है। तापमान सामन्य से 5 डिग्री अधिक दर्ज हो रहा है। जिसके चले मौसमी बीमारी का खतरा बढ़ रहा है, वहीं सबसे अधिक नुकसान किसानों को होता दिखाई दे रहा है।
इस बार मानसून ने 20 दिनों की देरी से दस्तक दी थी, जिसके बाद जुलाई माह में झमाझम बारिश का नजारा दिखाई दिया था। लेकिन अगस्त में 19 वर्षो के बाद सबसे कम बारिश दर्ज होना सामने आया है। जिसके चलते सितंबर माह की शुरूआत होने के बाद से ही अप्रैल जैसी गर्मी महसूस की जाने लगी है। जीवाजीराव वेधशाला के अनुसार वषार्काल 15 जून से 15 सितंबर तक होता है, जो अब 12 दिनों की शेष बचा है। शहर की औसतन बारिश का आंकड़ा 36 इंच माना गया है, जो अब भी 5 इंच कम है। शेष दिनों में बारिश नहीं हुई तो भू-जल स्तर में काफी गिरावट आ जायेगी। जो आगमी वर्ष में जल संकट का खतरा बन सकती है। वैसे जुलाई माह में हुई बारिश के चलते जलप्रदाय की समस्या दूर हो चुकी है, लेकिन किसानों के लिये अगस्त में हुई सबसे कम बारिश मुसीबत बन गई है। खेतों में खड़ी सोयाबीन की फसल पकने से पहले ही पीली होकर सूखने की कागार पर आ गई है। एक बार फिर किसानों के साथ प्रदेशवासियों द्वारा बारिश के लिये इंद्र देवता की पूजा-अर्चना शुरू कर दी गई है।