सुसनेर : पेयजल संकट की ओर बढ़ रहा सुसनेर एवं सोयतकलां नगर के मुख्य पेयजल स्रोत कीटखेड़ी बांध से सिंचाई के लिए ले रहे पानी पर रोक तो नहीं लगाई तो जलसंकट गहराएगा
सुसनेर । देश का बड़ा हिस्सा बेसब्री से बारिश का इंतजार कर रहा है इसमें आगर जिले का सुसनेर भी शामिल है। हालात यह है कि नगर में पेयजल के स्त्रोत कीटखेड़ी जिसमें इस बांध में पानी का मुख्य स्त्रोत कही जाने वाली नगर की कंठाल नदी में इस वर्ष अभी तक एक बार भी पानी का बहाव नहीं हो पाया है। मानसून के 15 दिन शेष है। ऐसे में फसलों के साथ नगरीय क्षेत्र सुसनेर एवं सोयतकलां में जल संकट की आहट भी सुनाई दे रही है। इन दोनों शहरों में पेयजल की सप्लाई वर्तमान में कीटखेड़ी बांध से हो रही है।
सुसनेर नगर में पेयजल की सप्लाई कर रही मल्टी अर्बन कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर आशीष कुमार ने बताया कि वर्तमान में 1 दिन छोड़कर 30 से 35 मिनिट पेयजल की सप्लाई हो रही है। पेयजल के स्त्रोत कीटखेड़ी बांध में पानी का स्तर लगातार कम हो रहा है। बारिश नहीं होने से पहले यहां 1 मीटर पानी था बारिश के बाद अभी वर्तमान में ढाई मीटर से भी कम पानी रह गया है। बांध में शेष बचे पानी को भी बारिश नहीं होने से किसान सिंचाई के लिए उपयोग में ले रहे हंै। ऐसे में कुछ दिनों में अगर बारिश नहीं होती है तो सुसनेर में 2 दिनों में एक बार पेयजल की सप्लाई शुरू करना होगी।
इसी तरह की स्थिति सोयतकलां में भी बन सकती है। जलसंकट के बीच पानी को सहेजने व पेयजल संकट से निपटने को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों ने कोई प्लान तैयार नहीं किया है। वे जलसंकट की स्थिति बनने के बाद ही इसको लेकर प्लान तैयार करने की बात कह रहे हंै।
नगरीय क्षेत्र सुसनेर में मल्टी अर्बन कंपनी के द्वारा नलजल योजना के माध्यम से पेयजल की सप्लाई की जाती है। बारिश के इस मौसम में भी पूर्व की तरह 1 दिन छोड़कर दूसरे दिन पेयजल की सप्लाई हो रही है। वर्तमान में सुसनेर क्षेत्र में 18 इंच बारिश होने से निजी पेयजल स्त्रोतों में पानी आ गया, जिसके चलते नल-जल योजना के माध्यम से सप्लाई होने वाले पानी का उपयोग कम हो रहा है। अगर बारिश नहीं होती है तो आने वाले समय में लोगों को नलों के माध्यम से सप्लाई होने वाले पानी पर ही निर्भर रहना होगा। ऐसे में पेयजल की व्यवस्था और भी बिगड़ सकती है।
इस विकल्प पर करना चाहिए प्रशासन को काम
बारिश नहीं होने की स्थिति में प्रशासन को क्षेत्र की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना कुंडालिया बांध से पाइप लाइन के माध्यम से पानी सुसनेर लेकर आने पर कार्य करना चाहिए। इस बांध के माध्यम से नलखेड़ा एवं अन्य जगहों पर पेयजल का पानी पहुंचाये जाने की योजना पर कार्य हो चुका है किंतु सुसनेर में इस बांध से पेयजल लेने की योजना पर अभी तक कोई कार्य शुरू नहीं हो पाया है। नगर परिषद एवं प्रशासनिक अधिकारियों को समय रहते बारिश नहीं होने पर पेयजल संकट से निपटने की योजना पर कार्य करना होगा।
सोयतकलां में भी इसी बांध से पेयजल सप्लाई
सुसनेर के साथ सोयतकलां क्षेत्र में भी कीटखेड़ी बांध से नल-जल योजना की पाइप लाइन के माध्यम से पानी जाता है। अगर इस बांध में पानी खत्म होता है सुसनेर ही नहीं सोयतकलां भी गंभीर पेयजल संकट का सामना कर सकता है।
पाइप लाइन के माध्यम पानी का उपयोग सिचाई में
कीटखेड़ी बांध में वर्तमान में ढाई मीटर पानी शेष है। बारिश की खेच के चलते किसान इसका उपयोग सिंचाई के लिए करना शुरू कर दिया है। ऐसे में इस बांध से पानी आगामी कुछ दिनों में खत्म हो जाएगा। इस बांध से अवैध रूप से पाइप लाइन डालकर ग्राम खेजड़ी, खेराना, सारसी, गणेशपुरा, मगरिया, सारसी, मालनवासा सहित 25 से 30 ग्रामों में करीब 400 मोटरों के माध्यम से यहां से पानी ले जाया जाता है। बारिश की खेंच से कई किसानों ने बांध से पानी लेना शुरू भी कर दिया है।