मंदसौर : किसानों पर मुसीबत के बादल मंडराने लगे देश का संकटमोचन बेबस नजर आने लगा, विद्युत कटौती से किसान परेशान

मंदसौर (अकोदड़ा) ।  वर्षा की लंबी खेच ने किसानों की चिंताओं को बढ़ा दिया है खरीफ की फसल सूखने की कगार पर है यह दो-तीन दिन में वर्षा नहीं हुई तो खरीफ की फसल पूर्ण रूप से नष्ट हो जाएगी। शासन प्रशासन ने अभी तक कोई एक्शन नहीं ली।सोयाबीन की पैदावार तो पूर्व में ही प्रवाहित हो चुकी थी । वर्षा की लंबी खेंच से किसानों के चेहरे फीके पड़ने लगे आकोदडा, ताशखेड़ी पटेला, काजू, नंदावता कचनारा सहित पूरे अंचल में किसान बरसात को लेकर के चिंतित और परेशान है ।किसानो ने बताया कि मंदसौर नीमच जिले में शुरूआती दौर में ही पानी की खेच चल रही थी गर्मी से राहत पाना आम नागरिक के लिए भी मुश्किल हो रहा है। 24 घंटे बिजली का वादा आज झूठा साबित हो रहा है कचनारा के किसान प्रकाश आंजना ने बताया कि मंदसौर जिले में इस वर्ष अच्छी वर्षा नहीं हुई इससे खरीफ की फसल बर्बाद हो गई है ।अच्छी बरसात नहीं होने से कुऐ, तालाब खाली पड़े हुए हैं इससे रवि की फसल भी निश्चित ही प्रभावित होगी महेश पाटीदार सेमलिया हीरा ने बताया कि खरीफ की मुख्य फसल सोयाबीन है और यह फसल प्रभावित होने से किसानों की आर्थिक हालत खराब हो चुकी है। महंगाई के जमाने में घर चलाना भारी पड़ रहा है ऐसी हालत में प्रदेश सरकार को मंदसौर नीमच जिले सहित पूरे मध्यप्रदेश को सूखा घोषित करना चाहिए तथा किसानों को मुआवजा देना चाहिए ।
आकोदड़ा के प्रदीप जोशी ,पप्पूलाल मीणा मुकेश मीणा रेवाचद पाटीदार ने कहा कि तापमान वृद्धि से किसानों के स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है, फसले सूख रही है किसानों ने खरीफ फसल की सिंचाई शुरू कर दी है लेकिन विद्युत विभाग द्वारा विद्युत कटौती की जा रही है किसानों को ऐसी स्थिति में 12 घंटे बिजली मिलना थी पर मात्र 5 घंटे वो भी कट कट कर बिजली दी जा रही है। स्थिति यह है कि बरसात में भी गर्मी का एहसास हो रहा है। ग्रामीण जनो ने प्रदेश सरकार से मंदसौर नीमच जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग की और दोनों जिलों के किसानों के क्रेडिट कार्ड माफ कर मुआवजा देने की मांग की।
यदि समय रहते मांगे नहीं मानी गई तो अंचल के किसान आंदोलन करने को बाध्य रहेंगे।

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