इंदौर में 10 सितंबर तक स्टेशन नंबर तीन पर खड़ी होगी मेट्रो ट्रेन
इंदौर । देश में अभी तक जिन भी शहरों में मेट्रो कोच का ट्रायल रन हुआ है, वहां पर कोच पहुंचने के करीब 20 दिन बाद ही पटरियों पर मेट्रो को दौड़ते हुए देखा जा सका है। यह पहला मौका होगा जब इंदौर में 10 दिन के सबसे कम समय में मेट्रो कोच को तैयार कर पटरियों व प्लेटफार्म पर खड़ा किया जाएगा। यह देश में अपने आप में एक तरह से न्यूनतम समय में मेट्रो को चलाने का रिकार्ड होगा।
जानकारों के मुताबिक, आठ सितंबर तक वायडक्ट जिन पटरियों पर मेट्रो ट्रेन चलेगी उसके पास बिछाई गई थर्ड रेल को चार्ज कर दिया जाएगा। इसके बाद मेट्रो कोच की वायडक्ट की पटरियों पर चलाकर टेस्टिंग की जाएगी। मेट्रो के अधिकारी इस कवायद में जुटे है कि 10 सितंबर को मेट्रो कोच वायडक्ट से होकर मेट्रो के स्टेशन नंबर तीन पर खड़ी हो जाएगी।
14 सितंबर को मेट्रो का ट्रायल रन होना है। ऐसे मे मेट्रो 10 से 13 सितंबर के बीच कोच को फूलों से सजाने का कार्य भी स्टेशन पर ही किया जाएगा। ट्रायल रन के दिन मेट्रो के स्टेशन नंबर 3 से ही मेट्रो कोच को गांधीनगर डिपो की ओर रवाना किया जाएगा। मेट्रो ट्रेन के ट्रायल रन को पूरा करने में टीम दिन रात जुटी हुई है। मेट्रो डिपो में जहां तीनों कोच को आपस में जोड़ने का काम किया जा रहा है और टेस्टिंग की जा रही है। ट्रायल रन वाले गांधीनगर स्टेशन से सुपर कारिडोर स्टेशन नंबर 3 पर मेट्रो को विद्युत सप्लाय उपलब्ध करवाने के लिए थर्ड रेल बिछाने का काम पूरा हो गया है। स्टेशन नंबर 3 पर बने आक्जीलरी सब स्टेशन के माध्यम से ही मेट्रो को विद्युत सप्लाय दी जाएगी। इससे ही मेट्रो संचालन पटरियों पर होगा। मेट्रो के ट्रायल रन के लिए 10 दिन ही शेष है। तय समय तक काम को पूरा करने में मेट्रो की टीम जीजान से जुटी है। इंजीनियर व सुपरवाइजर, कंसल्टेंट के कर्मचारी सहित 300 विशेषज्ञ व 2600 मजदूर फिलहाल ट्रायल रन वाले 5.9 किलोमीटर वाले हिस्से में पिछले चार माह से रात-दिन काम में जुटे हैं। कई कर्मचारियों को सप्ताह में एक दिन का अवकाश भी नहीं दिया जा रहा है। वर्तमान में मेट्रो के लिए काम करने वाले ज्यादातर कर्मचारी तमिलनाडु, बंगाल, बिहार व मप्र सहित अन्य राज्यों के हैं। चार माह पहले मेट्रो के इन कर्मचारियों का मेल मिलाप व काउंसलिंग सेशन रखा गया था। इसमें उन्हें बताया गया था कि ट्रायल रन तक मेट्रो में काम करने वाले कर्मचारियों को किसी तरह का अतिरिक्त अवकाश नहीं मिल सकेगा।मेट्रो कोच आने के बाद उसे तैयार कर पटरियों पर चलाने की प्रक्रिया में सामान्यत: 20 दिन का समय लगता है। हमारी कोशिश है कि इंदौर में आए कोच को 10 दिन में पटरियों पर चलाया जाए। इसके लिए हमारी पूरी कोशिश है।
-शोभित टंडन, डायरेक्ट सिस्टम, मप्र मेट्रो रेल कार्पाेरेशन लिमि. मेट्रो निर्माण में इस कंपनियों की अहम भूमिका
एमपीएमआरसीएस : इंजीनियर व सुपरवाइजर के 20 लोगों टीम निरीक्षण में जुटी है।
जीसी जनरल कंसल्टेशन : तकनीकी सलाहकार की भूमिका में 90 लोगो की टीम मौजूद।
रेल विकास निगम : स्टेशन निर्माण कार्य में जुटे इंजीनियर व मजदूर।
यूआरसी कंस्ट्रक्शन : स्टेशन निर्माण कार्य में जुटी इंजीनियर व मजदूर।
इंदरजीत सिंह कंसल्टेंट : मेट्रो ट्रेक बिछाने की अहम भूमिका निभा रही कंपनी।
केएसएनबी : मेट्रो डिपो निर्माण कार्य में जुटी इंजीनियर व कर्मचारी।