उज्जैन लॉबी स्थानांतरण मुद्दे पर रतलाम रेल प्रशासन कर रहा उच्च रेल अधिकारियों को गुमराह और रेल कर्मचारियों की मांगों को अनसुना
उज्जैन । रतलाम मंडल के रेल प्रशासन द्वारा लोको पायलट मेल एक्सप्रेस के पदोन्नति आदेश मैं उज्जैन से लोको पायलट पैसेंजर को इंदौर स्थानांतरित करने के मनमाने आदेश जो कि संगठनों की रेल प्रशासन के साथ हुई बैठक में बनी सहमति के खिलाफ निकाले गए थे। इस आदेश के विरोध में जोरदार आंदोलन के साथ पिछले पन्द्रह दिन से अनिश्चित कालीन क्रमिक भूख हड़ताल जारी है।
उज्जैन लॉबी बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक एस.एस. शर्मा और अभिलाष नागर ने बताया कि मण्डल रेल प्रबंधक रतलाम ने तानाशाही रवैया अपनाते हुए पत्रकारों को बताया कि हमने प्रोमोशन किया है जिनको प्रोमोशन लेना है वो लेवें। कर्मचारियों पर दबाव बनाते हुए इंदौर भेजने की कोशिश की जा रही है, गए हुए कर्मचारियों की फोन डिटेल निकलवा कर जांच की जा सकती है। कर्मचारियों में भय का वातावरण व्याप्त है।
डीआरएम रतलाम एक तानाशाह की तरह कार्य करते हुए कर्मचारियों का अहित करने पर तुले हुए है। यहां तक कि वह सांसद अनिल फिरोजिया की बातों को भी नजरअंदाज कर रहे हैं। यह स्पष्ट दर्शाता है। यह तानाशाह बन चुके हैं, ऐसे अधिकारियों के कार्य प्रणाली से इंडस्ट्रीयल संबंधों पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है जो कि रेल हित के साथ कर्मचारी हित में भी कदापि नहीं है।
उज्जैन में रेलवे का लगभग 1000 रुपये करोड़ का इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद है जो कि इन रेल कर्मचारियों के इन्दौर विस्थापन से देश और रेलवे पर यह अतिरिक्त बोझ होगा। जो की रेल और देश दोनों के हित में नहीं है।
मंडल रेल प्रबंधक महोदय पत्रकारों, रेलवे के उच्च अधिकारियों और नेताओं को झूठे आंकड़े देकर भ्रमित और गुमराह कर रहे हैं। उज्जैन बचाओ संयुक्त संघर्ष मोर्चा समिति की भूख हड़ताल पर पंद्रहवे दिन पुष्पेंद्र जड़िया, संजीव पाल और मुबारिक हुसैन ने भाग लिया।