खाचरौद से स्थानीय भाजपा नेता को टिकिट की माँग उठने लगी
खाचरौद । जैसे जैसे विधानसभा के चुनाव करीब आ रहे है। जनता में जिज्ञासा इस बात को लेकर बड़ रही है कि कौन हमारे क्षैत्र से भाजपा का प्रत्याशी होगा। कांग्रेसे को लेकर तो कोई भी नही पूछ रहा है सीधा जनता कहती है एक मात्र उम्मीदवार है दिलीपसिंह गुर्जर, कांग्रेस कमेटी भी अन्य के मामले का सोच भी नही सकती है। जीते हुवे उम्मीदवार को कौन छोड़ना चाहेगा। मामला भाजपा में यह उठ रहा है कि अगर उज्जैन उत्तर से पारस जैन का किन्ही कारणों से टिकीट कटता है। तो जिले में किसी एक तहसील में जैन को टिकिट देना है। भाजपा भी उज्जैन उत्तर, दक्षिण, महिदपुर, नागदा खाचरौद एंव बड़नगर, विधानसभा के प्रत्याशियों के नाम घोषित नहीं कर पा रही है। एकमात्र एक ही विधानसभा नागदा-खाचरौद है जहाँ जैन कोटे से टिकिट दी जा सकती है। इसके पीछे की रणनीती घमासान है बड़नगर और खाचरौद को लेकर स्थिति सबसे ज्यादा पतंग की तरह पेंच लिये हुई है। थोड़ी सह देने पर हारजीत का बड़ा गणित हो सकता है। खाचरौद एंव बड़नगर विधानसभा जनसंघ के समय से जीतती चली आ रही है। खाचरौद में खाचरौद क्षैत्र के गुर्जर मतदाता परंपरा से बीजेपी के रहे। उन्हें दिलीप गुर्जर के कारण मतदाताओ को कांग्रेस में झुका लिया गया। उसके बाद भी भाजपा ने विजय प्राप्त की है। भाजपा भी इसी रणनिति को लेके अबकि बार टिकिट में बदलाव करने जा रही है। अगर पूर्व विधायक दिलीपसिंह शेखावत को टिकिट मिल भी जाता है तो भाजपा भाजपा को ही हरायेगी और पार्टी यह नही चाह रही है कि कोई विवाद न हो और इस सीट को जीत में बदल दे। भारतीय जनता पार्टी के छीपे हुवे रहस्य में कही डॉं. तेजबहादुरसिंह तो नहीं है या लालसिंह राणावत हो सकते है ये दोनो विदवान डॉ. सत्यनारायण जटीया एंव केंद्रीय मंत्री नरेन्द्रसिंह तोमर के खास समर्थक है। टिकिट भी उन्हीं के बीच फायनल होना है। टिकिट में अगर और बदलाव करना चाहती है तो आर.एस.एस. खेमे तथा जनसंघ के समय से पार्टी में जुड़े रहे विजयकुमार सेठी एवं अनोखीलाल भण्डारी जाने जाते है। विजय कुमार सेठी ने सफलतापूर्वक नगरपालिका चलाई एंव विकास के कार्यो को अंजाम दिया। सेठी ने सर्व प्रथम सन 1972 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का गठन किया एंव सरस्वती षिशु मंदिर की प्रथम स्थापना सबसे बड़ योगदान उन्हीं का है आज सरस्वती शिशुु मंदिर में 2000 से ज्यादा संख्या में छात्र-छात्रा है तथा समय समय पर बड़ा योगदान नगर को भी रहा है। ऐसे ही हमारे दादा अनांखीलाल भण्डारी जिन्हें नगर में दादाजी के नाम से जाना जाता है। यह जनसंघ के समय से एंव आर.एस.एस. में संघ षिक्षा वर्ग के केम्प भी इन्होंने ग्रहण किये है। भाजपा में जिला मण्डल अध्यक्ष ग्रामीण में सन् 1998 से 2000 तक जिले का कार्यभार भी इन्होंने संभाला एंव अनेको संगठन के कार्य किये। 1975 में आपातकाल में राजनेतिक कैदी रहकर मीसाबंदी हुवे। अन्य टिकिट लाने वालो में दयाराम धाकड़, अमित सेठी, अनिल छाजेड़, मोतीसिंह शेखावत, लोकेन्द्र मेंहता आदि दावेदार प्रयासरत है। भाजपा भी छानबीन कर रही है कौन-कौन भाजपा पार्टी से बगावत कब और किस किस के द्वारा किया गया। पार्टी में समीक्षा की जा रही है।
खाचरोद की जनता अबकि बार खाचरौद का उम्मीदवार हो यह आवाज हर क्षैत्र से उठ रही है। कॉॅिफ लंबे समय बाद खाचरौद की जनता की मांग है कि एक बार खाचरौद के उम्मीदवार को मौका दिया जाना चाहिये। सन 1952 में कांग्रेस पार्टी ने रामचन्द्र नवाल को टिकिट खाचरौद नगर से दिया था और वह विजय हुवे थे। 1962 में भैरवभारती खाचरौद निवासी भी चुनाव लड़े और विजय निर्दलीय उम्मीदवार से हुवे उसके बाद से अभी तक किसी को टिकिट नही दिया गया।