शाही सवारी के बाद महाकाल क्षेत्र की यातायात व्यवस्था होगी दुरूस्त
-एकांगी मार्ग,नो व्हीकल झोन सहित अन्य कई मुद्दों पर यातायात पुलिस का विचार जारी
उज्जैन।शाही सवारी 11 सितंबर के उपरांत महाकाल क्षेत्र की यातायात व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए यातायात पुलिस तैयारी कर रही है। उसके तहत नो व्हीकल झोन के साथ ही एकांगी मार्ग का निर्धारण करते हुए उस पर अमल होगा,जिससे की यातायात की अव्यवस्था से जुझ रहे क्षेत्रीय रहवासियों को निजात दिलाई जा सकेगी।पुलिस ने परिवहन विभाग से ई-रिक्शा के पंजीयन की जानकारी भी मांगी है उसका भी इंतजार किया जा रहा है।यातायात में असिमित ई-रिक्शा भी समस्या के रूप में सामने आ रहे हैं।
श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर में महाकाल लोक बनने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है। महाकाल लोक को बने करीब 10 महीने हुए है। शुरूआत में श्रद्धालुओं की यह संख्या पूर्व की तुलना में 3-4 गुना बढ़कर औसत प्रतिदिन 70 हजार तक आई । महाकल लोक की ख्याति के विस्तार के साथ यह संख्या पिछले 6 माह में प्रतिदिन 1 लाख 50 हजार श्रद्धालु रोजाना पर आ गई । सावन और अधिक मास में रोज औसत करीब साढ़े तीन लाख लोगों ने बाबा महाकाल के दर्शन किए। इसके मुकाबले पिछले वर्ष अक्टुबर से पूर्व औसत करीब 20 हजार श्रद्धालु रोज आते थे। इसके साथ ही होटल, खान-पान, यातायात जैसे कामधंधे भी सीधे तीन गुना बढ़ गए हैं। इस वर्ष अधिक मास होने के कारण श्रावण माह की शुरूआत 4 जुलाई से हुई और 28 अगस्त 2023 को अधिक मास समाप्त हुआ। इस दौरान सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए 2 करोड़ 3 लाख भक्तों ने बाबा महाकालेश्वर भगवान के दर्शन किए। मंदिर प्रबंध समिति द्वारा पहली बार श्रावण माह में श्रद्धालुओं की गणना करने के लिए स्मार्ट सिटी से हेड काउंट डिवाईस लगवाया था। इसके माध्यम से पता चला कि इस वर्ष श्रावण और अधिक मास में 2 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं का उज्जैन में हुआ। श्रद्धालुओं की प्रतिदिन की औसत संख्या डेढ़ लाख होने से प्रतिदिन महाकाल मंदिर और महाकाल लोक के आसपास वाहनों का जाम लगना सामान्य हो गया है। इससे क्षेत्रीय रहवासी एवं श्रद्धालुओं के साथ आमजनों को अत्यधिक असुविधा हो रही है। उसको देखते हुए इस क्षेत्र के ट्रैफिक प्लान पर नये सिरे से विचार किया जाना अत्यावश्यक हो गया है। इसके लिए महाकाल लोक के आसपास नो व्हीकल जोन,एकांगी मार्ग का निर्धारण होना अत्यावश्यक हो गया है।व्यवस्था संचालन की द्रष्टि से भी यह आवश्यकता सामने आ रही है। नो व्हीकल झोन बनने से में कोई भी चार पहिया, तीन पहिया और दो पहिया वाहन आने जाने नहीं पाए। केवल बुर्जुगों और निःशक्तों के लिए विशेष वाहनों का संचालन करने की यहां अनुमति होना चाहिए। वीआईपी के लिए भी ऐसी ही किसी व्यवस्था को सामने लाना होगा जिससे की अन्य लोग भी उसका अनुसरण कर सके। इसके साथ ही वर्तमान पार्किंगों को मल्टीलेवल किया जाए और नए पार्किंग पर तो उसी अनुसार अमल होना चाहिए जिससे की अधिक से अधिक वाहनों को वहां पार्क करवाया जा सके। नगर निगम को इसके लिए आगे आकर महाकाल लोक के आसपास उसकी जमीन की पतारसी कर वहां पबि्लक प्रायवेट पार्टनरशीप के तहत मल्टीलेवल पार्किंग के लिए लोगों को जागरूक कर अपने साथ लेना चाहिए।
– 11सितंबर को शाही सवारी निकलने के उपरांत सडकों पर लगे बेरिकेडस हट जाएंगे।दो माह से बेरिकेडस लगे हैं तय है सडक की चौडाई पर इससे कम हो रही है आवागमन में इससे असर पड रहा है।हम एकांगी मार्ग एवं नो व्हीकल झोन पर विचार कर रहे हैं कुछ प्रस्ताव भी बनाए गए हैं। अभी बल एक तिहाइ है और बहुत से काम में लगा है। ई-रिक्शा की समस्या भी सामने आई है आरटीओं से पंजीयन की जानकारी मांगी है वह मिलेगी तो उस पर भी काम होगा।इस माह के अंत तक महाकाल क्षेत्र की यातायात व्यवस्था काफी दुरूस्त कर दी जाएगी।
– संतोष कौल,डीएसपी,यातायात,उज्जैन