दो माह में इंदौर-बरलाई रेलखंड़ को पूरा कर नवंबर में हो सकता है ट्रायल
इंदौर । इंदौर-देवास-उज्जैन रेलखंड का दोहरीकरण का कार्य जारी है। तीन चरणों में होने वाले दोहरीकरण कार्य का अंतिम चरण बरलाई से लक्ष्मीबाई नगर रेलवे स्टेशन तक किया जा रहा है। इस साल के अंत तक इस रेल ट्रैक पर ट्रेन दौड़ाने की कवायद की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि दो माह में इस ट्रैक पर पटरी बिछाकर नवंबर में ट्रायल किया जा सकता है। इसको ध्यान में रखकर ट्रैक पर गिट्टी बिछाने के साथ ही बिजली के पोल भी लगा दिए गए हैं।
पश्चिम रेलवे रतलाम मंडल के इंदौर-देवास-उज्जैन रेलखंड़ का दोहरीकरण कार्य अब अंतिम चरण में पहुंच चुका है। इसमें बरलाई से लक्ष्मीबाई नगर रेलवे स्टेशन तक 27 किमी लंबे रेल रूट पर दोहरीलाइन बिछाने के लिए अर्थवर्क के बाद गिट्टी बिछाने का काम शुरू हो चुका है। बाणगंगा रेलवे क्रासिंग और बरलाई के तरफ से गिट्टी बिछाने के बाद पटरियां बिछाने का काम शुरू हो चुका है। बाणगंगा रेलवे क्रासिंग से दो किमी हिस्से में पटरियां बिछा दी गई हैं।54 किमी हिस्से में पूरा हुआ दोहरीकरण
इसमें पहले चरण में उज्जैन कड़छा और और दूसरे चरण में कड़छा से बरलाई तक 54 किमी हिस्से में दोहरीकरण कार्य पूरा किया जा चुका है। दूसरे चरण का काम इसी साल फरवरी में पूरा किया गया था। इस ट्रैक पर अब ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है।इसलिए किया गया दोहरीकरण
इंदौर-देवास-उज्जैन पर सिंगल ट्रैक होने से ट्रेनों को क्रासिंग के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता था। इंदौर से उज्जैन के बीच करीब 15 ट्रेनों को समय पर सिग्नल नहीं मिलता था। सिंगल ट्रैक होने से पैसेंजर ट्रेनें देरी से पहुंचती थीं, लेकिन दोहरीकरण होने के बाद यह ट्रेनें समय पर चलेंगी। मालगाड़ियों को भी अब ट्रैक खाली मिलेंगे और मांगलिया, बरलाई, लक्ष्मीबाई नगर रेलवे स्टेशन पर रोकने की आवश्यकता नहीं होगी।