कृष्ण की ससुराल ‘कृष्ण मित्रविंदा धाम’ में मनेगा कान्हा का भव्य जन्मोत्सववृंदावन के हेमंत बृजवासी की विशाल भजन संध्या, 7 सितंबर जन्माष्टमी पर

उज्जैन । जन्माष्टमी के अवसर 7 सितंबर को भगवान श्री कृष्ण की पांचवी पटरानी मित्र वृंदा जो उज्जैन की राजकुमारी थी उनसे भगवान ने विवाह कर भगवान श्रीकृष्ण उज्जैन के जमाई रूप में रिश्ता उज्जैन से जोड़ कर भगवान ने लीला की।
इस प्रकार उज्जैन कृष्ण भगवान की ससुराल उज्जैन हुई, आगामी 7 सितंबर जन्माष्टमी उत्सव भगवान श्री कृष्ण की ससुराल कृष्ण मित्र वृंदा धाम भेरूगढ़ के पास, पर भव्य जन्माष्टमी महोत्सव मनाया जा रहा है। इस अवसर पर वृंदावन के प्रसिद्ध भजन गायक हेमंत बृजवासी की भजन संध्या आयोजित होगी एवं श्रद्धालुओं के लिए फलाहारी भंडारा प्रसादी का आयोजन रखा गया है। श्री कृष्ण मित्र वृंदा धाम के स्थापक व प्रेरणा स्त्रोत परम पुज्य संत शंकर गुरु “बालक” की प्रेरणा से होने जा रहे इस आयोजन धाम के प्रमुख श्री गिरीश गुरु बालक महाराज के सानिध्य में कार्यक्रम होगा। कृष्ण मित्रविंदा धाम पर भगवान श्री कृष्ण और मित्रविंदा जी के दर्शन मात्र से कुंवारी कन्याओं के विवाह के योग बन जाते हैं। वैवाहिक क्लेश निवारण हो जाता है और जन्माष्टमी के अवसर पर धाम के सिद्ध साधक श्री गिरीश गुरु जी बालक महाराज के द्वारा भक्तों को अभिमंत्रित” मोर पंख ” का वितरण किया जाएगा, जिससे कि व्यक्ति और घर की नजर दोष व समस्त प्रकार की बाधाओं का निवारण प्राप्त होगा. यह समाज कल्याण की परंपरा भगवान श्रीकृष्ण की ससुराल उज्जैनी से आरंभ होने जा रही हैं। ज्ञातव्य है कि कृष्ण मित्रवृंदा धाम उज्जैन के दर्शनीय स्थानों में शामिल है और इसका अपना विशेष महत्व है।
कृष्ण मित्रबृंदा धाम पर इस अवसर पर,,मंदिर का भव्य शृंगार किया जाएगा,,झांकी बनाई जाएगी,, भगवान के चित्रमय सेल्फी बूथ बनाए जा रहे है।
भजन संध्या के लाइव प्रसारण की व्यवस्था की जा रही है, फलाहार महा प्रसादी का आयोजन किया जा रहा है।
उज्जैनी, भगवान श्री कृष्ण की जन्म स्थली के रूप में पहचानी जाती रही है. और. भगवान श्रीकृष्ण की ससुराल होने से उज्जैनी का विशेष महत्व है. आयोजन समिति ने श्रद्धालु. धमार्लु. जनता से अपील की है कि. आगामी जन्माष्टमी 7 सितंबर पर. होने वाली हेमंत बृजवासी की भजन संध्या भगवान श्री कृष्ण की प्राकट्य आरती और महा प्रसादी फलाहारी का लाभ लेकर धन्य होवे।