सुसनेर : आस्था भक्ति व संस्कृति की शाही सवारी

सुसनेर । हवा में गुंजती हर – हर महादेव, शिव शंभु, ओम नम: शिवाय की स्वर लहरीया, कहार के रूप में पालकी उठाए श्रद्वालु,धरा पर श्रृद्धालुओ पर आसमान से होती फूलों की बरसात, दुल्हन सा सजा नगर, श्रृद्धा और आस्था से डीजे की धून पर नाचती झुमती हजारों भक्तों की भीड़ और उसमें फूलो से सजी पालकी में राजसी ठाट से सवार नगराधिपति बाबा नीलकंठेश्वर और ओंकारेश्वर महादेव पूरे लाव-लश्कर के साथ नगर का हाल जानने के लिए निकले तो नगरवासीयो ने भी पलक पावड़े बिछाकर उनका स्वागत किया। 56 वी शाही सवारी में पालकी में विराजमान बाबा नीलकंठेश्वर की एक झलक पाने के लिए भक्त आतुर होते हुए दिखाई दिए। नगर भ्रमण पर निकले भगवान भोलेनाथ व शाही सवारी में मौजूद भक्तगणों का 50 से अधिक समाजसेवी संस्थाओं के द्वारा जोरदार स्वागत किया। सवारी की शुरूआत से हर जगह बम-बम भोले, ओम नम: शिवाय के नारे गुंज रहे थे। ठाठ-बाट से निकले भगवान भगवान भोलेनाथ इस शाही सवारी में भगवान की भक्ति रंग में भक्त खूब नाचे। कुछ समय के लिए नगर शिवमय हो गया। इसमें 3 प्रदेशों की संस्कृति की झलक दिखी। शिवभक्त मंडल के तत्वाधान में आयोजित शाही सवारी की शुरूआत नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर से शिव भक्तगण व भाजपा जिला अध्यक्ष चिंतामण राठौर एवं विधायक राणा विक्रम सिंह के द्वारा भगवान शिव की आरती व पूजन के साथ की। सवारी अड्?डा गली, लुहार दरवाजा, स्टेट बैक चौराहा, हाथी दरवाजा, पॉच पुलिया क्षेत्र,शुक्रवारिया बाजार, सराफा बाजार, इतवारिया बाजार होते हुवे पुन: मेला ग्राउंड स्थित नीलकठेश्वर महादेव मंदिर पहुंची। मालवी सहरे से दुल्हे के रूप में पालकी में सजा भगवान भोलेनाथ का मुखोठा पालकी में विराजित था। इस बार पालकी को विशेष रूप से सजाया गया। रास्ते में महिलाओं के साथ नागरिको ने जगह-जगह भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना,आरती व आशीर्वाद लिया साथ ही नगर के लिए मंगल कामना की। राजाधिराज भगवान श्री नीलकंठेश्वर महादेव का अदभुत व अद्वितीय शाही सवारी साल-दर -साल भव्यता के रिकार्ड तोड रहा है। शिवभक्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है। भगवान ने ढाई किलोमीटर का रास्ता 10 घंटे में पूरा किया। बाबा नीलकठेश्वर महादेव जब नगर में निकले तो सारा नगर शिवमय हो गया। भक्तगण सवारी के आगे नाच रहे तो महिलाएं मंगल गीत गा रही थी।

आर्यवीर सेवा दल सुसनेर क्षेत्र के अखाड़ो ने कई करतब दिखाए।

Author: Dainik Awantika