भादौ में 15 दिन तीज-त्यौहार, गणेश चतुर्थी जैसे कई बड़े पर्व भी आएंगे
– यह मास भगवान विष्णु को समर्पित है, इसमें पूजा-व्रत से मिलेगा कई गुना फल
दैनिक अवंतिका उज्जैन।
श्रावण मास खत्म होने के बाद अब भादौ मास शुरू हो गया। यह महीना लोगों को तीज-त्यौहारों में व्यस्त रखने वाला है। इस मास में कई प्रमुख त्योहार आने वाले हैं। 15 दिन त्यौहार रहेंगे मतलब हर एक-दो दिन छोड़कर लोग त्योहार मनाएंगे।
भादौ में प्रमुख रूप से श्री कृष्ण जन्माष्टमी और इसके बाद गणेश चतुर्थी आती है। जन्माष्टमी लोग मना ही रहे हैं। इसके अलावा भी आगे कई छोटे-बड़े त्योहार आएंगे। 29 सितंबर तक तक भादौ मास चलेगा जिसमें करीब 15 दिन तक तीज-त्योहार रहेंगे। शुरू के कृष्ण पक्ष में 2 बड़े त्यौहार तो बाद में शुक्ल पक्ष में 13 दिन तक व्रत-त्योहार आने वाले हैं। जिस प्रकार श्रावण मास भगवान शिव को समर्पित है। उसी प्रकार भादौ मास भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इसमें भगवान विष्णु की पूजा व व्रत-जप आदि से भक्तों को कई गुना फल मिलता है।
जाने भादौ मास में कौन-कौन
से त्योहार कब-कब आएंगे
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पंडित अमर डब्बावाला ने बताया कि भादौ के कृष्ण पक्ष में व्रत-पर्व की शुरुआत 7 सितंबर को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व से हो गई। अब 10 सितंबर को अजा एकादशी, 14 सितंबर को अमावस्या। फिर शुक्ल पक्ष में वराह जयंती,17 सितंबर को कन्या संक्रांति, 18 सितंबर को हरतालिका तीज, 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी फिर ऋषि पंचमी, 21 सितंबर को ललिता सप्तमी, 22 सितंबर को राधा अष्टमी, 23 सितंबर को श्री चंद्र नवमी, 24 सितंबर को तेजा दशमी, 25 सितंबर को डोल ग्यारस, 26 सितंबर को वामन जयंती, 27 सितंबर को बुध प्रदोष, 28 सितंबर को अनंत चतुर्दशी का पर्व रहेगा व 29 सितंबर को भादौ पूर्णिमा पर इसका समापन होगा।
भादौ मास में भगवान विष्णु के
3 अवतारों की पूजा होती करें
भादौ मास भगवान विष्णु को समर्पित है। इस मास में विष्णु के तीन अवतारों की पूजा की जाती है। श्री कृष्ण,वराह और वामन अवतार इसी मास में हुए। भादौ मास चातुर्मास के चार महीनों में दूसरा मास होता है। इसमें ऋतु परिवर्तन भी होती है। जिससे शरीर में बदलाव होते हैं। स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने वाला यह मास है।