मातृछाया सेवा भारती में 111 कृष्ण स्वरूप बाल गोपालों ने मनाया जन्माष्टमी उत्सव
उज्जैन । हम बड़े होकर चिकित्सक, इंजीनियर वकील या क्षमता अनुसार जो भी बने लेकिन उससे पहले हम एक अच्छा इंसान बनें।
यह उद्गार श्री राम कथा व्यास के प्रसिद्ध कथा वाचक सुलभ शान्तु गुरु ने मातृछाया सेवा भारती द्वारा आयोजित जन्माष्टमी उत्सव के कार्यक्रम में व्यक्त किए। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उज्जैन महानगर के सहसंघचालक योगेश भार्गव ने श्री कृष्ण के जीवन से जुड़े प्रसंगो का वर्णन करते हुवे उनका अनुसरण करने पर बल दिया। मातृछाया समिति की प्रीति शर्मा ने बताया कि मातृछाया सेवा भारती द्वारा प्रतिवर्ष जन्माष्टमी पर्व पर श्री कृष्ण जन्मोत्सव का आयोजन किया जाता है। इसी क्रम में इस वर्ष भी संस्था द्वारा मक्सी रोड पर सब्जी मंडी परिसर में विशाल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सेवा भारती के बालिका छात्रावास, बालक छात्रावास व बस्तियों में संचालित होने वाले प्रकल्पों के बच्चों ने प्रकल्पों पर दैनिक सिखाए जाने वाले गीत, मंत्र, योग एवं नाट्य आदि की प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण 111 कृष्ण रूप में सेवा भारती के विभिन्न प्रकल्पों से आये बालक थे जिन्होंने मनोहारी कृष्ण योग की प्रस्तुति दी। अतिथियों ने बच्चों को स्मृति चिन्ह प्रदान किए। कार्यक्रम के समापन पर बच्चों ने दही-हांड़ी फोड़ कर माखन मिश्री का आनंद लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ भारत माता व श्री कृष्ण के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलन व माल्यार्पण के साथ हुवा। अध्यक्षता संस्था अध्यक्ष सुनील खत्री ने की। अतिथि परिचय सीमा वशिष्ठ द्वारा व कार्यक्रम की भूमिका संस्था सचिव रितेश सोनी ने रखी। संचालन प्रीति गोयल का रहा व आभार कार्यक्रम संयोजक संजय शाह ने व्यक्त किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से लक्ष्मीनारायण अग्रवाल, अनिल लिग्गा, ओम जैन, विजय परिहार, शेरसिंह ठाकुर, गजेंद्र तोमर, सुयज्ञ शर्मा, शेखर बारापात्रे, दीपक राजपूत, उषा जाटवा, अर्चना ज्ञानी, आशा श्रीवास्तव, कृष्णा चित्तोड़ा, किरण कुलकर्णी, दिव्यानि राजपूत सेवा भारती के कार्यकर्त्तागण व सहयोगीजन उपस्थित रहें।