श्रावण उत्सव की अंतिम संध्या पर शौनक अभिषेकी का गायन
उज्जैन । महाकाल मंदिर के 18 वे अखिल भारतीय श्रावण उत्सव की अंतिम संध्या शनिवार को हुई जिसमें शौनक अभिषेकी के शास्त्रीय ध्रुपद गायन ने समा बांध दिया। तबला संगत पर रामेंद्र सोलंकी, हारमोनियम पर अभेद अभिषेकी व सह गायन पर राज शाह ने संगत की। द्वितीय प्रस्तुति मुम्बई के ज्ञानेश्वर सावंत के पखावज वादन की हुई। सावंत ने परने, बंदिशे, पार्वती, दुर्गा व शिव स्तुति की। हार्मोनियम लेहरा पर स्वानंद दातार, सहायक पखावज पर वैभव मेस्त्री व तानपूरा पर घनश्याम भाई पटेल ने संगत की। अंतिम प्रस्तुति उज्जैन की डॉ. पूनम व्यास के निर्देशन में संस्था मृदंगाचार्य पं.रामदास कला संगम के समूह कथक नृत्य की हुई। हारमोनियम व गायन पर चंद्रशेखर व्यास, पखावज पर ज्ञानेश्वर सावंत, तबला पर विनायक शर्मा ने संगत की। सभी कलाकारों का मंच से सम्मान किया गया। संचालन दयाशंकर सूर्यवंशी ने किया। आभार सहायक प्रशासनिक अधिकारी आरके तिवारी ने माना।