नर्मदा के लिए अन्न छोड़ने वाले भैयाजी सरकार उज्जैन की शिप्रा को शुद्धिकरण देखना चाहते हैं
– ब्रह्मास्त्र से चर्चा में बोले – शहर के लोग आगे आए और उद्गम स्थल का निरीक्षण करें
– सिंहस्थ क्षेत्र के आसपास शिप्रा किनारे पौधारोपण हो तो अपने आप नदी शुद्ध होगी
ब्रह्मास्त्र उज्जैन। नर्मदा नदी के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए लगातार लंबी लड़ाई लड़ने वाले और अन्न छोड़कर अब तक का सबसे लंबा उपवास करने वाले विलक्षण संत श्री समर्थ भैयाजी सरकार ने उज्जैन प्रवास के दौरान दैनिक ब्रह्मास्त्र से चर्चा करते हुए कहा कि वह नर्मदा की तरह ही मां शिप्रा को भी शुद्ध देखना चाहते हैं।
संत श्री ने समाजसेवी हरि सिंह यादव के इंदिरानगर स्थित निवास पर चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इसके लिए शासन, प्रशासन की कोई आवश्यकता नहीं है। यदि आम लोग व पूरा समाज एक जुट होकर यह संकल्प ले ले कि शिप्रा को शुद्ध व प्रवाहमान बनाए रखना है तो कोई बड़ी बात नहीं। कुछ ही समय में शिप्रा हरी-भरी हो सकती है। आपने कहा कि लोग शिप्रा के उद्गम स्थल पर जाकर वहां की स्थिति को जाने व समझे और संपूर्ण सिंहस्थ क्षेत्र के आसपास के शिप्रा किनारे बड़ी मात्रा में पौधारोपण करें। इससे अपने आप ही शिप्रा शुद्ध होने लगेगी। क्योंकि मां नर्मदा हो या शिप्रा दोनों ही आम जनता के लिए जीवनदायिनी है। इंदौर उज्जैन संभाग मिलकर नर्मदा क्षिप्रा के संरक्षण, संवर्धन एवं शुद्धिकरण के लिए जुटकर काम करे तो दोनों ही नदिया कलकल बहती नजर आएंगी। इससे हमारा भविष्य भी उज्जवल होगा।