बिछड़ौद : अल्प वर्षा से खराब हुई सोयाबीन की फसलों को लेकर बिछड़ौद के किसानों ने कलेक्टर के नाम एसडीएम को दिया ज्ञापन 2021- 22 का मुआवजा और सम्मान निधि की राशि देने की मांग
बिछड़ौद । ग्रामीण क्षेत्रो के किसानों ने शुक्रवार को समय से बारिश नही होने के कारण खराब हुई सोयाबीन की फसलों का मुआवजा, पुरानी फसल बीमा राशि और प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री की फसल सम्मान निधि की राशि दिलवाले की मांग को लेकर जिला कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम के नाम एसडीम धीरेंद्र पाराशर को ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञापन में किसानों ने अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए बताया कि बारिश नहीं होने के कारण हमारे खेतों में खड़ी सोयाबीन की फसलें पूरी तरह से सुखकर खराब हो चुकी है, वहीं खेतों में खड़े सोयाबीन की फसल के पौधों में ना तो दाना आया है और ना ही फली लगी है। जिसके कारण क्षेत्र के किसानों की खेतों में खड़ी पूर्ण रूप से सोयाबीन की फैसले पूरी नष्ट हो चुकी है। हम किसानों के द्वारा उधार तथा कर्जा लेकर हमारे द्वारा खेतों में फसलें बोई गई थी। इसका वर्तमान में बीज और लागत का मूल्य भी नहीं निकल पाया हैै। साथ ही किसानों ने बताया कि 2021-22 की फसलें भी खराब हुई थी, जिसका हम किसानों के द्वारा अपनी फसल का बीमा भी करवाया गया था। वहीं प्रतिवर्ष हमारे द्वारा बीमा कंपनी को अपनी फसल की बीमा राशि भी जमा करवाई गई थी। जिसके बाद भी वर्ष 2021-22 की फसलों की बीमा राशि आज दिनांक तक हम किसानों को प्राप्त नहीं हुई है। तथा प्रति माह केंद्र और राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली किसान सम्मान निधि की राशि भी समय- समय पर नहीं दी जा रही है। जिसके कारण हम किसान काफी आहत होने के साथ परेशान हो चुके हैं। हमारे पास अब आत्महत्या करने के अलावा कुछ नहीं बचा है। जिसको लेकर आज शुक्रवार को हम किसानों ने राज्य और केंद्र सरकार से फसलों की मुआवजा राशि के साथ- साथ फसल बीमा और सम्मान निधि की राशि दिए जाने की मांग की है। इस मौके पर रवि पटेल, संजय पाटीदार, कैशव पटेल, नरेंद्र पाटीदार, अमरीश शर्मा, जितेंद्र पाटीदार, अर्जुन चौधरी, जुगल पाटीदार, कमलेश राठौर, सरदार पाटीदार, लक्ष्मणसिंह राजपूत, सरोज शर्मा, हरिओम पाटीदार, रमेशचंद्र जायसवाल, दिग्विजयसिंह चौहान, भूपेंद्र पाटीदार, बलरामसिंह चौहान, दिनेश मालवीय, गब्बर पठान, मेहरबान सिसौदिया, दिनेश चौधरी, जितेंद्रसिंह चौहान सहित सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण क्षेत्र के किसान और ग्रामीण आदि मौजूद रहे।