रुनिजा : मसवाड़िया में श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ अवसर पर निकला चल समारोह
रुनिजा । भागवत महापुराण कोई साधरण ग्रन्थ नही इसको सुनने व दर्शन करने भगवान भी तरसते। भागवत महापुराण भगवान की विभिन्न लीलाओं का दर्शन तो करती ही है। यह हमारी सात पीढ़ियों को भवसागर से तारती है। उक्त सार: गर्भित बात भगवताचार्य पण्डित जीवन जोशी सन्दला वाले ने मसवाड़िया धार में विश्वकर्मा समाजके श्री राम जानकी मन्दिर पर 1 सितम्बर से 7 सितम्बर तक आयोजित सप्त दिवसीय भागवत ज्ञान गंगा महोत्सव के समापन दिवस पर व्यास पीठ से कही। इस अवसर पर पूणार्हुति हुई महा आरती में बड़ी संख्या में धमार्लुजन आयोजन में सम्मिलित हुए,। महा प्रसादी का वितरण हुआ। ढोल की थाप पर श्रद्धालु झूम रहे थे। जगह-जगह चल समारोह का स्वागत हुआ।