कल धनतेरस, पर बर्तन खरीदना पड़ेगा महंगा
स्टील के दाम बढ़कर दोगुना हो गए, आज से ही बाजार सजे ,अब ग्राहकों का इंतजार
ब्रह्मास्त्र इंदौर। कोरोना मामले थमने और टीकाकरण पर जोर से पिछले साल महामारी की भारी मार झेल चुके बर्तन उद्योग को इस साल कारोबार बढ़ने की उम्मीद थी लेकिन बर्तन काफी महंगा होने से बेहतर कारोबार की उम्मीद धूमिल पड़ती दिख रही है। इस साल धनतेरस पर बर्तन खरीदना 40 से 50 फीसदी महंगा है। गौरतलब है कि बर्तन बनाने में उपयोग होने वाले स्टील के दाम बढ़कर दोगुने हो गए हैं। बर्तन निर्माता भी मांग कमजोर होने और स्टील की कीमतों में स्थिरता न रहने से कम ही बर्तन मंगा रहे हैं। थोक कारोबारियों ने भी धनतेरस पर कम बिक्री के खटके में खरीदारी कम ही की है। बर्तन निर्माता और कारोबारी पुराना स्टॉक निकालने पर ज्यादा जोर दे रहे हैं। कोरोना के कारण बीते डेढ़ साल में बर्तनों की कम बिक्री होने से स्टॉक काफी पड़ा हुआ है। धनतेरस पर बर्तन खरीदना शुभ माने जाने से इनकी खूब बिक्री होती है। एक बर्तन निर्माता ने नाम न छापने की की शर्त पर बताया कि एक डेढ़ साल पहले बर्तन में उपयोग होने वाला जो स्टील 200 से 225 रुपये किलो मिल रहा था वो 400 से 450 रुपये किलो मिल रहा है। इससे बर्तन बनाने की लागत काफी बढ़ गई है। सबसे बड़ी दिक्कत स्टील की कीमतों में स्थिरता न होना है। जिससे खरीदार छिटक रहा है। धनतेरस से एक डेढ़ महीने पहले कारखानों में 24 घंटे तक उत्पादन होता है। लेकिन इन दिनों 8 घंटे ही कारखाने चल रहे हैं। बढ़ी लागत से निपटने के सवाल वे कहते हैं कि लागत के अनुरूप दाम नहीं बढ़ा सकते और शून्य मार्जिन पर भी बिक्री करने पर लागत नहीं निकलेगी। उल्लेखनीय है कि इस साल गर्मियों में भी शादियों पर बंदिशों से बर्तन कम ही बिके। लेकिन बीते कुछ महीनों से हालत सुधरने से धनतेरस और आगे शादियों में बिक्री सामान्य कारोबार के 70 से 80 फीसदी तक पहुंचने की उम्मीद थी। लेकिन कीमतों में 40 से 50 फीसदी वृद्धि से कारोबार बढ़ने की उम्मीद पर पानी फेर दिया। अभी तक के माहौल को देखते हुए लगता है कि धनतेरस पर हल्के वजन व कम कीमत के अलावा कम नग वाले बर्तनों के सेट ही बिकेंगे। ज्यादा बर्तनों वाले डिनर सेट कम ही बिकेंगे।