खरगोन : गर्भ में पल रहे थे दो बच्चे, निजी अस्पताल में सोनोग्राफी में बताया एक

खरगोन ।  शहर के एक अस्पताल से अजब.गजब मामला सामने आया है, जिसे सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे। एक युवक ने अपनी पत्नी को गर्भ ठहरने के बाद जांच और उपचार के लिए प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया, जहां अल्ट्रासाउंड (सोनोग्राफी) के दौरान गर्भ में एक बच्चे की जानकारी दी गई।
इस अस्पताल की मंशा पर उस वक्त सवाल उठे जब प्रसव के दौरान शासकिय अस्पताल में महिला को जुडवा बच्चे हुए। हालांकि एक बच्चा मृत जन्मा लेकिन चिकित्सक की इस लापरवाही से महिला और दूसरे नवजात की जान पर भी खतरा हो सकता था। जबकि प्रसव अवधि में दो से तीन बार जांच के लिए दंपत्ति उसी अस्पताल में पहुंचे थे, लेकिन उन्हें हर बार एक ही बच्चे की जानकारी दी गई। अब दंपत्ति पुलिस कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।
पीड़ित दंपत्ति से मिली जानकारी अनुसार गर्भ ठहरने के बाद समूचा परिवार महिला के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित होकर लगातार चिकित्सक के संपर्क में रहा। गर्भ के दौरान करीब तीन बार सोनोग्राफी भी कराई, हर बार उन्हें एक बच्चे की जानकारी दी गई। अब इसे चिकित्सक कि लापरवाही कहे या कोई और मंशा। महिला को 7 माह के दौरान प्रसव पीडा हुई और निजी अस्पताल न जाते हुए परिजन उसे शासकीय अस्पताल ले गए, जहां सोनोग्राफी रिपोर्ट के आधार पर महिला के प्रसव की तैयारी की गई, लेकिन जब प्रसव कक्ष ले जाया गया तो चिकित्सक के भी होश उड गए। महिला ने दो बच्चो को जन्म दिया। हालांकि एक मृत बच्चा जन्मा था। इस बात से चिकित्सक भी हैरान रह गए उन्होंने परिजनों से कहा कि जब दो बच्चे थे तो इसकी जानकारी उन्हें पहले क्यों नही दी और सोनोग्राफी में एक क्यों लिखा गया है? चिकित्सको ने कहा कि इस लापरवाही से महिला की जान भी जा सकती थी। इस बात की जानकारी लगने के बाद जहां परिजन दो बच्चे होने की खबर से खुश थे वही महिला के स्वास्थ्य को लेकर भी चिंतित नजर आए। अब दंपत्ति इस मामले की पुलिस को शिकायत करने की तैयारी कर रहे है।
शिकायत न करने का बना रहे दबाव
दंपत्ति ने चर्चा के दौरान कहा कि निजी चिकित्सालय के चिकित्सक पर पूरा भरोसा था। प्रसव भी उसी अस्पताल में कराना था, यदि शासकिय अस्पताल नही जाते तो यह खुलासा नही हो पाता। परिजनों को शंका है कि वह उनके एक बच्चे को अपने पास रख सकते थे। उन्हें चिकित्सक की मंशा पर शक हो रहा है। परिजनों ने यहां तक आरोप लगाया कि चिकित्सक हमारे नवजात को किसी ओर को बेचने की मंशा रख रहा हो इसलिए हमें दूसरे बच्चे की जानकारी नही दी। निजी अस्पताल में गर्भ के दौरान उपचार के समय मोटी रकम भी वसूली गई। अब हम पुलिस कार्रवाई का मन बना रहे है, हालांकि पीड़ित परिवार का कहना है कि जब चिकित्सक से इस संबंध में चर्चा की तो वह अपनी गलती मानने के बजाय उन्हें किसी तरह कार्रवाई नही करने के लिए धमकी भरे अंदाज में बात कर रहा है।
यदि पीड़ित परिवार के आरोप सही है तो क्या शहर में भगवान के बाद चिकित्सक को भगवान का दूसरा रुप माने जाने वाले चिकित्सकीय पेशे पर कुछ लोग अपने निजी स्वार्थों के चलते सवालिया निशान लगा रहे है। यदि ऐसा नही है तो चिकित्सक ने दूसरे बच्चे की इतनी बड़ी जानकारी परिजनों ने साझा करना उचित क्यों नही समझा? यदि पहली बार में त्रुटि हुई होगी तो दूसरी बार सोनोग्राफी करने पर यह बात क्यों सामने नही आई? बहरहाल चिकित्सक की मंशा पर सवाल उठना लाजमी है।
किस अस्पताल में चिकित्सकीय जैसे सम्माननीय पेशे के साथ यह खिलवाड़ चल रहा है। अगले अंक में जरुर पढ़े। फिलहाल हम दंपत्ति के कहने पर चिकित्सक का और अस्पताल का नाम प्रकाशित नही कर रहे है, इससे जांच प्रभावित हो सकती है। एक जिम्मेदार पत्रकार होने के नाते हम भी कानूनी प्रक्रिया में कोई व्यवधान न हो इसका ध्यान रखते हुए फिलहाल पीड़ित, चिकित्सक एवं अस्पताल का नाम प्रकाशित नही कर रहे है। जल्द ही पुलिस में शिकायत होने के बाद अगले अंक में समूचे घटनाक्रम का प्रकाशन करेंगे।