विधानसभा निर्वाचन 2023 – इंदौर में विडियोग्राफी के टेंडर में हो गया घालमेल,जिला निर्वाचन की समिति कटघरे में
इंदौर।जिला निर्वाचन की विडियोग्राफी के टेंडर में घालमेल की जानकारी सामने आ रही है।इससे जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा विडियोग्राफी के लिए गठित समिति कटघरे में दिखाई दे रही है।विडियोग्राफी माफिया की पेठ का भी इसमें हाथ बताया जा रहा है।23 अगस्त को खुलने वाला टेंडर यहां 9सितंबर को खोला गया।उसके बावजूद आनलाईन टेंडर को 13 सितंबर को भी टेंडर में भागीदारी करने वाले ठेकेदार नहीं देख पाए थे।जिम्मेदारों का जवाब था कि आज शाम तक दस्तावेज अपलोड कर दिए जाएंगे उसके बाद आनलाईन सब दिखने लगेगा।
इंदौर जिला निर्वाचन ने विडियोग्राफी के लिए आनलाईन टेंडर आमंत्रित किए थे।इसके लिए एक समिति अपर कलेक्टर राजेन्द्रसिंह रघुवंशी की अध्यक्षता में बनाई गई थी।आठ सदस्यीय समिति को टेंडर तय 23 अगस्त को खोलना था लेकिन ऐसा नहीं किया गया। करीब 15 दिन बाद ये टेंडर 9सितंबर को खोले गए।इस दिन तकनीकी बीड खोलकर आनलाईन रूप से निविदा में आए ठेकेदारों की संख्या स्पष्ट की गई।नियमानुसार निविदा में हिस्सेदारी करने वाले ठेकेदारों ने जब तकनीकी बीड खोलकर देखना चाहा तो मात्र उन्हें डोंगल पर भी दस्तावेज कितने बाईट का है यह दिखा,दस्तावेज नहीं खुल रहे थे।बुधवार शाम तक यही सि्थति सामने आ रही थी।समिति ने 12 सितंबर को वित्तीय बीड खोलने का तय किया था लेकिन बुधवार शाम तक उसके खोलने की सि्थति भी सामने नहीं आ रही थी।सुत्रों का कहना है कि तकनीकी रूप से इसमें किसी ठेकेदार विशेष को लाभांवित करने के लिए ऐसा किया गया है।इसके चलते ही तकनीकी बीड को खोलकर दस्तावेजों की जानकारी ले ली गई और उसे ठेकेदारों के लिए सार्वजनिक नहीं किया गया है।बताया जा रहा है कि देवास के ठेकेदार को लाभांवित करने के लिए सालों से यहां इसी तरह की गडबडियां की जा रही है। आनलाईन निविदा में ठेकेदार के बताए अनुसार ही शर्तें रखी जाती है जिससे की वह लाभांवित हो सके। इंदौर निर्वाचन कार्यालय के सुपर वाईजर भी इसे लेकर कटघरे में दिखाई दे रहे हैं।खास बात तो यह है कि इस निविदा में आए 10 ठेकेदारों में से 6 ठेकेदारों को पात्र पाया गया लेकिन तकनीकी बीड खुलने के 4 दिन बाद भी किसे पात्र पाया गया है यह रहस्य किसी निविदाकार को मालुम नहीं हो सका है । सभी निविदाकार इससे अंजान हैं।
आज शाम तक अपलोड कर देंगे दस्तावेज-
मामले की जानकारी लगते ही दैनिक अवंतिका ने जिला निर्वाचन कार्यालय में संपर्क किया। अपर कलेक्टर एवं विडियोग्राफी समिति के अध्यक्ष राजेन्द्रसिंह रघुवंशी से पूछने पर उन्होंने निर्वाचन सुपरवाईजर जितेन्द्रसिंह चौहान को बुलाकर बात की। इसके बाद जवाब दिया कि तकनीकी बीड खोल ली थी लेकिन निविदा में हिस्सेदारी करने वाले ठेकेदारों के दस्तावेज बुधवार शाम तक अपलोड किए जाएंगे।वित्तीय बीड को खोलने को लेकर उनका जवाब था देखते हैं।समिति अध्यक्ष का जवाब किसी भी हाल में संतुष्टिपूर्ण नहीं था।सवाल तो यह खडा हो रहा है कि आनलाईन निविदा में पूर्व से ही ठेकेदारों के दस्तावेज अपलोड हैं उन्हें पून: अपलोड करना और उनका तकनीकी बीड को खोलने के बावजूद निविदाकारों को दिखाई नहीं देना ही सवाल खडे कर रहा है।पूर्व में तकनीकी बीड खोलने पर निविदा में हिस्सेदारी करने वाले ठेकेदारों को आनलाईन तत्काल दस्तावेज श्रेणीवार दिखाई देते थे।इसे लेकर जिला निर्वाचन की समिति कटघरे में दिखाई दे रही है।प्रदेश के शेष जिलों में निविदा की तकनीकी बीड खुलते ही उसे निविदाकारों ने देखा और किस निविदाकार ने क्या दस्तावेज प्रस्तुत किए और कितने और किस- किस निविदाकार को पात्र पाया गया है यह भी देखा जा सका।इंदौर में आनलाईन निविदा का यह नया तरीका लोकायुक्त संगठन ,आर्थिक अन्वेषण के साथ ही केंद्र सरकार के निर्वाचन आयोग के धन पर नजर रखने वाले सीबीआई के लिए विशेष ध्यान देने का विषय हो सकता है।