इंदौर की आई बसों में यूपीआई या ऑनलाइन पेमेंट का सिस्टम ही नहीं
बीआरटीएस में सफर करना है तो कैश जरूरी, आई बस अत्याधुनिक और सिस्टम वही पुराना
इंदौर। बीआरटीएस कॉरिडोर में चलने वाली आई बस में रोजाना हजारों यात्री सफर करते हैं। बीआरटीएस इंदौर की पहचान भी है लेकिन देश के सबसे स्वच्छ शहर में आने वाले लोग जब इस पब्लिक ट्रांसपोर्ट का यूज करते हैं तो उन्हें असुविधा का सामना करना पड़ता है। यात्रियों को टिकट के लिए नगद रुपए देने पड़ते हैं।
ऑनलाइन भुगतान करने का कोई ऑप्शन उनके पास नहीं है। इस वजह से कई बार विवाद की स्थिति भी बनती है। साथ ही खुल्ले पैसे के लिए यात्रियों को काउंटर पर इंतजार तक करना पड़ता है। आई बस की व्यवस्था भले ही नई हो, लेकिन सिस्टम तो वही पुराना है।
यात्रियों के लिए ये समस्या
बीआरटीएस में चलने वाली आई बस में ऑनलाइन भुगतान की सुविधा नहीं होना सफर करने वाले यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। डिजिटल इंडिया के दौर में इंदौर जैसे शहर में बस में सफर के लिए ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा नहीं होने पर बाहर से आए हुए लोग आश्चर्य में पड़ जाते हैं। कई बार काउंटर वाले से उनकी बहस भी होती है।
इतना ही नहीं टिकट 5,10,15 रुपए के हैं। खुल्ले पैसे नहीं होने पर भी यात्री को परेशान होना पड़ता है। टिकट काउंटर पर खुल्ले पैसे की मांग की जाती है। ऐसे में कई बार अन्य किसी यात्री के खुल्ले पैसे लेकर आने का इंतजार तक करना पड़ता है। कई बार यात्री एक दूसरे को ऑनलाइन रुपए ट्रांसफर कर टिकट का इंतजाम तक काउंटर पर करते हैं।