महाकाल के गर्भगृह में अब पुरुष को सोला महिला को साड़ी पहनकर दर्शन करने होंगे
– यह ड्रेसकोड अभी तक प्रवेश बंद में लागू होता था अब चालू में भी रहेगा
दैनिक अवंतिका उज्जैन।
महाकाल मंदिर के गर्भगृह में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को ड्रेसकोड का पालन करना होगा। पुरुषों को धोती-सोला तो महिलाओं को साड़ी पहनना जरूरी होगी। हालांकि इस नई व्यवस्था में थोड़ा समय लग सकता है। इसके लिए मंदि समिति के अधिकारी पंडे-पुजारियों से राय लेकर आवश्यक तैयारियां कर रहे हैं।
मंदिर प्रबंध समिति जल्द ही सभी श्रद्धालुओं के लिए यह नई दर्शन की व्यवस्था शुरू करने जा रही है। हालांकि बच्चों में ड्रेसकोड में छूट रहेगी। महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने बताया कि मंदिर की परंपरा व गरिमा को बरकरार रखने के लिए ही यह ड्रेसकोड लागू करने का निर्णय लिया गया है। हालांकि यह पहले से है। लेकिन अभी केवल गर्भगृह में प्रवेश बंद होने पर ही लागू होता था अब प्रवेश चालू होने पर भी रहेगा। अब तक आम दिनों में सभी श्रद्धालुओं को सामान्य कपड़ों में प्रवेश की अनुमति होती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
ड्रेसकोड उल्लंघन को लेकर श्रद्धालु
व मंदिर के लोगों में हो जाते विवाद
मंदिर में ड्रेसकोड पालन नहीं करने को लेकर आए दिन मामले सामने आते थे। कई बार तो श्रद्धालुओं और मंदिर समिति के लोगों व पंडे-पुजारियों में विवाद तक हो जाते थे। इसको ध्यान में रखते हुए ही अब पूरे समय ड्रेसकोड रखने का निर्णय समिति ने लिया है। ताकि मंदिर की मर्यादा बनी रहे। गर्भगृह में प्रवेश बंद में ड्रेसकोड जरूरी होता है पर लोग नहीं मानते और कई बार कपड़ों में अंदर प्रवेश कर जाते थे।
साधु-संतों से लेकर नेताओं को भी
पालन करना होगा ड्रेसकोड का
मंदिर में आए दिन साधु-संत व कई वीआईपी नेताओं का भी आगमन होता है। ऐसे में अब सभी को ड्रेसकोड का पालन करना होगा। अभी कई लोग नियम पालन किए बिना भी दर्शन कर लेते थे। इसे लेकर भी धार्मिक संगठनों की ओर से आपत्ति आती थी। वहीं मंदिर के पंडे-पुजारीगण भी इसका हमेशा विरोध करते आए है।
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