एंडोमेंट फंड नहीं देने वाले कॉलेजों पर एक-एक लाख रुपये की पेनाल्टी, छात्र कल्याण पर राशि होगी खर्च

इंदौर ।  देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद में एंडोमेंट फंड (बंदोबस्त निधि) के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। सदस्यों ने ऐसे कालेजों पर कार्रवाई करने पर जोर दिया है, जो यह राशि विश्वविद्यालय में जमा नहीं करवाते हैं। इनके नाम जल्द ही विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जारी किए जाएंगे। फंड की राशि नहीं देने वाले कालेजों की संबद्धता रोकी जाएगी। नियमों का उल्लंघन करने वाले कालेजों पर एक-एक लाख की पेनाल्टी लगाने का प्रस्ताव भी मंजूर कर दिया है। इस राशि को छात्र कल्याण के अंतर्गत खर्च किया जाएगा। मामले में शैक्षणिक विभाग को सात दिनों में कालेजों की सूची बनाने को बोला है। अधिकारियों के मुताबिक, कालेजों को दस लाख रुपये की एफडी करवाकर एंडोमेंट फंड की राशि देना होती है। हर साल संबद्धता के दौरान कालेज प्रबंधन को राशि के बारे में उल्लेख करना होता है, मगर 70 फीसद कालेजों ने राशि नहीं दी है। आरनएटी मार्ग स्थित विश्वविद्यालय के नालंदा परिसर में बैठक हुई, जिसमें शिक्षकों से जुड़े दो अलग-अलग प्रकरणों को सदस्यों ने मंजूरी दी। यूजीसी के करियर एडवांसमेंट योजना (केस) के अंतर्गत विभिन्न विभागों के शिक्षकों को पदोन्नति दी गई। जून में मैनेजमेंट, अर्थशास्त्र एवं फामेर्सी अध्ययनशाला के शिक्षकों को केस को लेकर इंटरव्यू करवाए गए। करीब 30 शिक्षकों को पदोन्नति दी गई। चार से पांच विभाग के संविदा शिक्षकों को नियमित किया गया। इन्हें 50 हजार का वेतन देने की वित्तीय समिति की सिफारिश पर सदस्यों ने सहमति जताई। इसका फायदा 40-42 शिक्षकों को दिया गया है। इसके लिए प्रक्रिया 20 सितंबर बाद शुरू करने के निर्देश दिए हैं। कार्यपरिषद ने ईएमआरसी के टेक्निकल मीडिया स्टाफ को यूजीसी की प्रमोशन पालिसी के अंतर्गत टाइम स्केल स्वीकृत किया गया।