गंभीर डेम से छोड़ा गया 4 हजार से अधिक एमसीएफटी पानी -रात में भी 18 मीटर तक खुले थे 6 गेट, आवक जारी

उज्जैन। दो दिनों से जारी बारिश के चलते गंभीर डेम के 6 गेट शुक्रवार शाम 6 बजे से खुले हुए है। रविवार शाम तक डेम से 4 हजार 200 एमसीएफटी पानी छोड़ा जा चुका था। यह पानी इतना था कि डेम की क्षमता के दो डेम ओर भर जाते। रात में भी गेट खुले थे और पानी छोड़ा जा रहा था। शहर की आबादी को वर्षभर तक जलप्रदाय करने के लिये वर्ष 1992 में अम्बोदिया मार्ग पर गंभीर डेम का निर्माण किया था। जिसकी क्षमता 2250 एमसीएफटी रखी गई थी। जिससे सालभर तक पानी की सप्लाय की जाती है। जुलाई माह में डेम अपनी क्षमता का पार कर चुका था। लेकिन शुक्रवार से इंदौर, देवास और उज्जैन में शुरू हुई तेज बारिश के बाद शाम 6 बजे गंभीर डेम के 6 गेट 14 मीटर के लिये खोल दिये गये। इस बीच इंदौर का यशवंत सागर भी लबालब हो गया और सभी गेट खोले गये। जिससे गंभीर में पानी की आवाक काफी तेजी से होने लगी। 14 मीटर खुले गेट को 25 मीटर कर दिया गया। जिसे रविवार रात 7 मीटर कम किया गया, अब गंभीर के 6 गेट 18 मीटर तक खुले हुए है। डेम प्रभारी अशेक शुक्ला ने बताया कि रविवार शाम तक डेम से 4 हजार 200 एमसीएफटी पानी छोड़ा जा चुका है, वहीं पानी छोडऩे का क्रम जारी है। डेम को क्षति ना पहुंचे इसके चलते गेट खोले गये है। पानी की आवाक अब भी तेजी से हो रही है। सोमवार को भी गेट खुले रखे जा सकते है। छोड़े गये पानी से भर सकते थे दो डेम जिस तरह गंभीर से पानी छोड़ा जा रहा है, उससे दो डेम भरे जा सकते थे। जुलाई माह में भी बारिश के चलते गंभीर के गेट खोले गये थे और हजारों गेलन पानी छोड़ा गया था। अगस्त माह में बारिश नहीं होने पर पूरे माह गेट बंद रहे, लेकिन सितंबर माह के दूसरे सप्ताह से लगातार गेट खोलने और बंद करने का क्रम बना हुआ है। शुक्रवार को दोपहर 3 बजे ही एक गेट बंद किया था, जिसके बाद बारिश शुरू हो गई थी। सालों बाद  लगातार गेट खुले होने और पानी छोड़े जाने की खबर सामने आई है। डेम के गेट खुले होने पर नजारा देखने के लिये शहरवासी भी अम्बोदिया पहुंचे रहे है। अब तक डेम के एक हिस्से में पानी दिखाई देता था, 2 दिनों से दूसरी ओर भी पानी ही पानी देखा जा रहा है।प्रतिवर्ष अप्रैल माह बाद आती है समस्या
31 साल पहले बने गंभीर डेम से सालभर की जलापूर्ति को पूरा कर लिया जाता था। लेकिन तेजी के साथ शहरी सीमा का विस्तार होने और जनसंख्या बढऩे पर अब डेम अपनी क्षमता 2250 एमसीएफटी से कम पड़ता दिखाई देने लगा है। कुछ सालों से डेम का पानी अप्रैल-मई माह तक खाली हो जाता है और शहरवासियों को एक दिन छोड़ जलप्रदाय करना पड़ता है। कई बार पानी संग्रहित करने के लिये नया डेम बनाने की बात भी उठ चुकी है। इस वर्षाकाल में जिस तरह से पानी छोड़ा जा रहा है, उसे देखते हुए प्रशासन को नये डेम के लिये जल्द निर्णय लेना चाहिये, ताकि जलापूर्ति बनी रही।