मप्र में नदियां उफान पर, फिलहाल बरसात थमी पर, 24 से फिर तेज बारिश
इंदौर ,उज्जैन, मंदसौर, धार, बड़वानी जिले के कई गांव टापू बने, झाबुआ में तालाब फूटने से आठ लोग बह गए
भोपाल। मध्यप्रदेश में सितंबर में रिकॉर्ड तोड़ बारिश फिलहाल थमी हुई है, लेकिन हालात बिगड़े हुए हैं। नर्मदा, शिप्रा, कालीसिंध, चंबल समेत सभी छोटी-बड़ी नदियां उफान पर हैं। इंदौर, उज्जैन, मंदसौर, धार, बड़वानी जिले के कई गांव टापू बन गए हैं। झाबुआ के बहादुर पाडा गांव में रविवार को तालाब फूटने से 8 लोग बह गए। 3 के शव मिले हैं।
बंगाल की खाड़ी में एक और स्ट्रॉन्ग सिस्टम बन रहा है। इसके एक्टिव होने से 24 सितंबर से प्रदेश में फिर तेज बारिश के आसार हैं।
जबलपुर में सोमवार को बरगी बांध के दो और गेट बंद कर दिए गए। बांध के तीन गेट आधा मीटर तक खुले रखकर अभी भी नर्मदा में पानी छोड़ा जा रहा है। शुक्रवार को बरगी बांध के 13 गेट खोले गए थे।
इंदौर, उज्जैन, मंदसौर और रतलाम जिलों के स्कूलों आंगनवाड़ियों में सोमवार का अवकाश घोषित कर दिया था।
मोरटक्का पुल का डामर उखड़ा, रेलिंग बही
नर्मदा नदी में आई बाढ़ से इंदौर-खंडवा हाईवे पर मोरटक्का ब्रिज को नुकसान पहुंचा है। 900 मीटर लंबे ब्रिज पर बाढ़ का पानी 10 फीट ऊपर तक बहता रहा। शनिवार को दिन और रात में यही स्थिति बनी रही। रविवार सुबह पानी के उतरने के बाद ब्रिज जर्जर हालत में दिखाई दिया। जगह-जगह डामर बह गया। ब्रिज पर बड़े-बड़े गड्ढे और दरारें नजर आ रही हैं। रेलिंग भी बह गई। दो दिन से इंदौर-खंडवा रोड बंद है। मरम्मत के बाद वाहनों का आवागमन शुरू करेंगे।
नर्मदा नदी में आई बाढ़ से इंदौर-खंडवा हाईवे पर स्थित मोरटक्का ब्रिज को काफी नुकसान पहुंचा है। शनिवार को पुल पर 10 फीट ऊपर तक पानी बहा।
ऐसा मौसम क्यों और आगे क्या?
भोपाल के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि बंगाल की खाड़ी से उठा स्ट्रॉन्ग सिस्टम इंदौर-उज्जैन संभाग में पिछले दो-तीन दिन से एक्टिव था। यहां अति भारी बारिश हुई। अब यह सिस्टम थोड़ा कमजोर हुआ है। रविवार को लो प्रेशर के रूप में एक्टिव रहा। राजस्थान से लगे जिलों में जरूर तेज बारिश हुई।
सोमवार से सिस्टम और कमजोर होगा और यह गुजरात की ओर चला जाएगा। इसके बाद बारिश का दौर थम जाएगा। 20-21 सितंबर को बंगाल की खाड़ी से फिर से नया सिस्टम एक्टिव होगा। यह भी स्ट्रॉन्ग होगा। इससे 24 सितंबर से तेज बारिश का दौर शुरू हो सकता है।