शहर के फ्रीगंज गोपाल मंदिर सहित कई क्षेत्रों में भगवान गणेश की प्रतिमा खरीदने के लिए सुबह से ही लोगो की भीड़ रही। धार्मिक नगरी उज्जैन में भगवान गणेश के कई मंदिर हैi जिनका धार्मिक महत्व है। इसी तरह चिंतामन गणेश मंदिर देश के प्रसिद्ध गणेश मंदिरो में से एक है। इस मंदिर की स्थापना भगवान राम ने अपने वनवास के दौरान की थी। ख़ास बात ये की यहाँ गणेश तीन स्वरूप उज्जैन के चिंतामन गणेश जी का मंदिर विश्व प्रसिद्ध हैi चिंता हरने वाले गणेश जी के इस मंदिर में श्रद्धालु दूर दूर से अपनी मनोकामना लेकर यहां आते है। गणेश चतुर्थी पर ख़ास तौर पर भक्त भगवान गणेश के दर्शन के लिए यहां पहुंचते है। किसी भी शुभ काम को करने के लिए सबसे पहले चिंतामन गणेश को पूजने का महत्व है। गणेश जी की आराधना शुरू होते चतुर्थी से चौदस तक का भक्तों का सैलाब मंदिर में रहेगा। मंदिर के पुजारी गणेश गुरु ने बताया कि चिंतामन मंदिर की स्थापना भगवान राम लक्ष्मण और सीता जी ने की थी। भगवान राम ने चिंतामन गणेश ,लक्ष्मण जी ने इच्छामन गणेश और सीता माता ने सद्धि विनायक की स्थापना इस मंदिर में की थी। चिंतामन गणेश जी के एक ही मंदिर में भगवान गणेश के तीन स्वरूपों के दर्शन भक्तों को मिलते है। चिंतामन मंदिर भक्त हाथों में पूजा का पात्र और फूल प्रसाद गणेश जी को चड़ने वाली धुप लेकर श्रद्धालु दूर दूर से उज्जैन के चिंतामन गणेश मंदिर पहुंच कर घंटों लाइन में खड़े होकर गणेश जी एक झलक पाने और उनका आशीर्वाद लेने के लिए यहाँ आते है।विश्व प्रसिद्ध चिंतामन गणेश मंदिर अपने आप में अनोखा मंदिर है इस मंदिर में राम सीता लक्ष्मण ने वनवास के दौरान चिंतामन, इच्छा मन, और मंछा मन की स्थापना की थी ये तीनों एक ही जगह पर विराजमान है। मान्यता है की चिंतामन मंदिर में दर्शन करने से सभी चिंता दुःख दर्शन मात्र से दूर हो जाते है। यहां उल्टा स्वास्तिक और नाडा बांधने की भी मान्यता है और मन्नत पूरी होने के बाद स्वास्तिक को सीधा और नाड़े को खोलने की परम्परा है। मंदिर परिसर में ही लक्ष्मण कुंड है। जब राम सीता लक्ष्मण इस मंदिर का निर्माण कर रहे थे तब उन्हें पानी की जरुरत पड़ी तो लक्ष्मण जी ने बाण चलाकर धरती में से पानी निकाला था तभी से इस कुंड का नाम लक्ष्मण कुंड पड़ा।