सुसनेर : भाजपा कांग्रेस में गुटबाजी से किसी भी दावेदार की राह नहीं आसान
सुसनेर । विधानसभा चुनाव करीब है ऐसे में लगातार दावेदार अपनी किस्मत आजमाने के लिए सक्रियता दिखा रहे हैं। कांग्रेस बीजेपी में दर्जभर से अधिक दावेदार है। टिकट किसी एक को मिलने पर बागी भी हो सकते हैं। इस बार विधानसभा चुनाव में किसी की रहा आसान नहीं होगी वहीं बीजेपी कांग्रेस पार्टी की बात करें तो गुटबाजी जोरों पर है।
अपने-अपने खेमे के साथ चुनावी प्रचार प्रसार करने में अपने-अपने स्तर से लगे हुए हैं चुनाव के करीब लगातार सक्रियता दावेदारों की बढ़ती जा रही है। और धड़कन ने भी तेज हो रही है आखिर टिकट किसकी झोली में आएगा वोतो समय ही बताएगा। वहीं क्षेत्र की बात की जाए तो इस बार भी जनता जनार्दन क्षेत्र में रेल लाइन के लिए अपनी आवाज उठाएगी। उचित स्वास्थ्य व्यवस्था क्षेत्र के व्यापार सड़के गुलजार और चमकदार नए उद्योग खोलने की मांग सहित अन्य मांग जीत होने के बाद प्रत्याशी के लिए एक बड़ी चुनौती होगी। गुटबाजी की बात किया जाए तो विधानसभा चुनाव में लगातार खुलकर दिखाई दे रही है। सब अपनी-अपनी टिकट के लिए आगे पीछे हो रहे हैं। पार्टी में अपने पसंद के दावेदार को टिकट न मिलने पर बगावत की चर्चा भी जोरों पर है। यदि बीजेपी की बात करे तो सन 2018 में बीजेपी को हरा कर निर्दलीय उम्मीदवार राणा विक्रम सिंह ने जीत हासिल की थी। जिसके बाद कमलनाथ सरकार को समर्थन दिया था। लेकिन जून 2022 में वे बीजेपी में शामिल हो गए। इनके शामिल होने से बीजेपी में विरोध भी सामने आया था। बीजेपी से राणा दावेदारी कर रहे है। साथ ही पूर्व विधायक, पूर्व जिलाध्यक्ष, पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि भी दावेदारी कर रहे है।
बीजेपी के लिए बने पूर्व विधायक संतोष जोशी चुनोती
भाजपा के पूर्व विधायक संतोष जोशी बीजेपी के लिए ही चुनोती बन गए है। पूर्व विधायक संतोष जोशी ने इस्तीफा देकर निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कही है। फिलहाल पार्टी ने जोशी का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। यदि जोशी निर्दलीय चुनाव लड़के है तो पार्टी को काफी नुकसान होगा।
टिकट के लिए दो खेमों में बटी कांग्रेस, 10 नेता एक तरफ
विधानसभा सीट से कांग्रेस के 10 चेहरे दूसरे पाले में खड़े दिखाई दे रहे हैं। इसमे कांग्रेस जिलाध्यक्ष, पूर्व विधायक सहित अन्य पदाधिकारी चाहते है कि हम में से किसी एक को इस बार टिकट दिया जाए। इसमें बाहरी दावेदार अलग पड़ गए है। अलग पार्टी ने सही तरीके से टिकट का बंटवारा नहीं किया तो यह गुटबाजी उस पर भारी पड़ सकती है। हालांकि कांग्रेस नेताओं का कहना है पार्टी के अंदर किसी भी तरह की गुटबाजी नहीं है। सभी को दावेदारी करने का अधिकार है। इसलिए टिकट मांग रहे है।