*आर.बी.एस.के.दल के सहयोग से 5 वर्षीय देवांशी के हृदय का निःशुल्क ऑपरेशन*
ऑपरेशन पर कुल 2,01,000/-रू. व्यय हुआ जो मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के अन्तर्गत शासन ने वहन किया
उज्जैन । उज्जैन जिले के ताजपुर निवासी अंकित परमार व श्रीमती निकिता परमार की बेटी देवांशी परमार (उम्र 5 वर्ष) जन्म से ही अक्सर बीमार रहती थी। वह अपनी उम्र के बच्चो के साथ खेलते समय अक्सर थक-सी जाती थी। वह उसकी उम्र के सामान्य बच्चों की तरह नहीं खेल पाती थी, जिस कारण उसका शारीरिक विकास भी नहीं हो रहा था। उज्जैन शहरी क्षेत्र की आर.बी.एस.के. दल (राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम मोबाईल टीम) के सहयोग से उसकी बीमारी सामने आई और उसका नि:शुल्क आपरेशन हो सका।
दल ने अपने भ्रमण के दौरान बच्चों की स्क्रीनिंग की थी। इसी दौरान आर.बी.एस.के. चिकित्सक द्वारा देवांशी की भी जांच की तो उनको पता लगा कि वह हृदय की बीमारी से ग्रसित है। चिकित्सक द्वारा देवांशी के माता-पिता को बताया गया कि देवांशी हृदयरोग से ग्रसित है, जिस कारण यह अक्सर थक जाती है व कमजोर है। इसी कारण से इसका विकास नहीं हो पा रहा है। यदि अभी कम उम्र में ही देवांशी के हृदय का ऑपरेशन करवा लें तो उसे आगे जाकर सामान्य जीवन जीने में कोई परेशानी नहीं होगी। चिकित्सक द्वारा बताया गया कि हृदय का ऑपरेशन हो जाने के बाद देवांशी पूरी तरह स्वस्थ्य हो जायेगी। देवांशी को जिला स्तरीय शीघ्र हस्तक्षेप केन्द्र, (डी.ई.आई.सी.) जिला चिकित्सालय उज्जैन में ले जाकर उसका उपचार करवा सकते हैं। जहां पर मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के अन्तर्गत देवांशी का निःशुल्क आपरेशन हो जायेगा।
आर.बी.एस.के. चिकित्सक की बातो से प्रेरित होकर देवांशी के माता-पिता उसे लेकर शीघ्र हस्तक्षेप केन्द्र (डी.ई.आई.सी.) जिला चिकित्सालय पहुंचे। जहां पर देवांशी का मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के अन्तर्गत पंजीयन कर देवांशी की आवश्यक जांचे करवाई गई एवं देवांशी को मेदांता अस्पताल इन्दौर में भर्ती करवाकर उसका हृदय का सफल आपरेशन करवाया। ऑपरेशन पर कुल 2,01,000/-रू. व्यय हुआ जो मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के अन्तर्गत शासन द्वारा वहन किया गया। अब देवांशी पूर्णतः स्वस्थ्य है। अब सामान्य बच्चों की तरह जीवन जी सकेगी। उसका नियमित रूप से फालोअप लिया जा रहा है। देवांशी के माता-पिता शासन द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना का आभार व्यक्त कर रहे है, जिसके अन्तर्गत आपरेशन का पूरा खर्च मध्यप्रदेश शासन द्वारा वहन किया गया।