ग्रह निर्माण मंडल उपायुक्त दोहरे की विभागीय निष्ठा पर प्रश्नचिन्ह…!
-इंदौर से उज्जैन आकर फिर वही विवादित कार्यशैली,मंडल के चतुर्थश्रेणी कर्मचारी परेशान
उज्जैन। मध्यप्रदेश ग्रह निर्माण मंडल उज्जैन व्रत्त उपायुक्त यशवंत दोहरे विवादित कार्यशैली के कारण हमेशा ही चर्चाओं में बने रहते हैं। इनकी विभागीय निष्ठा पर एक बार फिर सवाल खडा हो गया है।इससे पूर्व मंडल मुख्यालय ने इनकी इंदौर में पदस्थी के समय कार्यशैली को लेकर निष्ठा पर सवाल खडा किया था।इंदौर में कर्मचारी संगठन के विरोध के चलते इन्हें मुंह की खानी पडी थी,उज्जैन आने पर इन्होंने यहां के कर्मचारियों को बगैर अधिकार तबादले की धमकी के साथ परेशान करना शुरू कर दिया है।
उपायुक्त दोहरे पूर्व में कुछ समय के लिए उज्जैन में पदस्थ किए गए थे।यहां से इनका तबादला इंदौर व्रत्त में कर दिया गया था।इंदौर में पहुंचकर इन्होंने कर्मचारियों को रंग दिखाना शुरू किया था। इस पर वहां के कर्मचारी संगठन ने इन्हें हासिए पर लेकर इनकी शिकायतें मुख्यालय को की थी।कर्मचारियों में स्थानांतरण का भय फैलाने की इनकी प्रव्रति्त को भी पकड कर मुख्यालय को भेजा था। इसके चलते इन्हें मुंह की खानी पडी थी।इंदौर में संभागीय लेखापाल से इनका जमकर शीत युद्ध चला था जिसका नतीजा यह निकला था की मुख्यालय ने इनकी लाज रखते हुए लेखापाल का तबादला उज्जैन कर दिया था।पीछे पीछे इन्हें भी उज्जैन व्रत्त उपायुक्त बनाकर भेज दिया।अब हाल यह हैं कि एक मियान और दो तलवार की सि्थति बन गई है।कर्मचारियों के शोषण के आरोप से घिरे हुए दोहरे ने उज्जैन आकर यहां फिर से अपनी विवादित कार्यशैली अपना ली है।
बंगले पर 1-2 नहीं 4 से 5 कर्मचारी-
ग्रह निर्माण मंडल के सूत्रों बताते हैं कि नियमों के अनुसार उपायुक्त को बंगले पर मंडल कार्यालय के कर्मचारियों के उपयोग की पात्रता नहीं है। इस पर रोक है। इसके बावजूद इन्होंने अपने उदयन मार्ग सि्थत बंगले पर अनाधिक्रत रूप से 4 से 5 चतुर्थश्रेणी कर्मचारियों को लगा रखा है।आफीस के कर्मचारियों को ट्रांसफर की धमकी से भय पैदा कर रखा है।इन्होंने इंदौर में रहते हुए इसी तरह के मामलों को अंजाम दिया था जिस पर मुख्यालय ने आपति्त लेते हुए मंडल के प्रति इनकी निष्ठा पर ही सवाल खडा कर दिया था।
लंच बाद सीधे 6 बजे कार्यालय आगमन-
उपायुक्त दोहरे मध्यप्रदेश शासन के 5 दिन कार्यदिवस के आदेश के विपरित सुबह निर्धारित समय से देरी से ही आते हैं । आफीस के दफ्तरी कर्मचारी बताते है कि साब लंच समय तक सिर्फ संभाग भर से आने वाले जमीनों के जादुगरों से ही तंत्र मंत्र का ज्ञान लेते हैं। उसके बाद आफीस से चले जाते हैं।इसके बाद सीधे 6 बजे प्रकट होते हैं और कार्यालयीन दफ्तरी कर्मचारियों को देर तक रोकते हैं जो कर्मचारी विरोध प्रकट करते हुए घर चले जाते हैं उन्हें दुसरे दिन तबादले की धमकी मिलना आम बात है।इनकी धमकी से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी खौफजदा होकर अपने कर्तव्य निर्वहन के लिए बाध्य हो रहे हैं।
यूं लगा है उपायुक्त दोहरे की निष्ठा पर प्रश्नचिन्ह-
उपायुक्त दोहरे ने इंदौर में रहते हुए कर्मचारियों में खौफ का प्रशासन किया था। इनकी कार्यशैली से खफा होकर कर्मचारी संगठनों ने मोर्चा खोल दिया था। इन्होंने इंदौर में कर्मचारियों के तबादले किए थे जिस कारण से इनकी शिकायतें मुख्यालय में हुई थी।शिकायतों को लेकर ग्रह निर्माण मंडल की मुख्य प्रशासकीय अधिकारी बिदिशा मुखर्जी ने इनके कार्यशैली को कसौटी पर लिया था।उन्होंने उपायुक्त दोहरे की मंडल के प्रति निष्ठा पर ही प्रश्नचिन्ह लगा दिया था।यहां तक की इनसे पूछा गया था कि आपने चतुर्थ एवं त्रतीय श्रेणी कर्मचारियों के स्थानांतरण अनाधिक्रत रूप से किए गए जिससे आपकी निष्ठा पर प्रश्नचिन्ह लगा है।यही सि्थति चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के बंगले पर उपयोग की है।