अब 22 को आ रहे मुख्यमंत्री, महाकाल के हाइटेक अन्नक्षेत्र का उद्घाटन करेंगे
– प्रदेशभर में बारिश से दो दिन आगे बढ़ाया कार्यक्रम
– पार्किंग शुरू करेंगे, 2250 कमरों की प्लानिंग देखेंगे
दैनिक अवंतिका उज्जैन।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अब 22 सितंबर को उज्जैन आएंगे। वे यहां महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के हाइटेक अन्नक्षेत्र का उद्घाटन करेंगे। इसके साथ ही हरि फाटक पार्किंग की भी शुरुआत करेंगे तथा 2,250 कमरों के बनने वाले नए भक्त निवास की प्लानिंग भी देखेंगे। मुख्यमंत्री पहले 20 सितंबर को उज्जैन आने वाले थे लेकिन एन वक्त पर उनका कार्यक्रम बदला गया।
जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेशभर में हो रही बारिश के चलते मुख्यमंत्री को दौरे पर अन्य जगह जाने की वजह से यहां का कार्यक्रम दो दिन आगे बढ़ाना पड़ा। अब 22 को उज्जैन में कार्यक्रम की जानकारी भोपाल से मिली है। इसको ध्यान में रखते हुए सभी जरूरी तैयारियां पूरी कर ली गई है। मुख्यमंत्री यहां 1 हजार करोड़ से अधिक के निर्माण कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन करने आ रहे हैं। इसमें फैसिलिटी सेंटर, अन्नक्षेत्र, पार्किंग, भक्त निवास और प्लास्टिक क्लस्टर जैसे प्रकल्प शामिल हैं। हालांकि मुख्यमंत्री का 22 को उज्जैन आने का कार्यक्रम अभी प्रशासन के प्रास प्रोटोकॉल से नहीं पहुंचा है लेकिन भोपाल से इसकी जानकारी अधिकारियों से लेकर नेताओं को प्राप्त हो चुकी है। इसे देखते हुए ही सभी तैयारियां चल रही है।
महाकाल अन्नक्षेत्र जैसी मशीनों
शिरडी, तिरुपति में भी नहीं है
महाकाल मंदिर के प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि अभी शिरडी, तिरुपति बालाजी और बंगला साहेब समेत अन्य तीर्थ स्थलों पर जो अन्न क्षेत्र संचालित होते हैं, उनके मुकाबले यह अन्न क्षेत्र बहुत ही हाईटेक है। देश में जहां भी जो उपकरण बेस्ट मिलते हैं, वहां से उन्हें उज्जैन लाया गया है। जैसे- कोयम्बटूर से वैजल्स, कढ़ाही और प्रेशर कुकर मंगवाए गए हैं। अहमदाबाद से रोटी मशीन और चेन्नई से डिश वॉशर मशीन आई है।
रोज सुबह 10:30 से रात 9 बजे
तक श्रद्धालुओं के लिए खुलेगा
मंदिर का अन्नक्षेत्र आम श्रद्धालुओं के लिए रोज सुबह 10:30 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहेगा। मंदिर समिति के अधिकारियों का कहना है कि इसका समय बाद में बढ़ाया भी जा सकता है। अलग-अलग शिफ्ट में श्रद्धालुओं को भोजन कराया जाएगा। महाकाल लोक बनने से भक्तों की संख्या बढ़ी तो इतने लोगों का एक साथ खाना बनाना बड़ी चुनौती था, इसलिए हाईटेक मशीनों का इस्तेमाल कर इसे सरल बनाया है।
पहले 3 हजार ही भक्त भोजन
कर सकते थे अब एक लाख
महाकाल मंदिर के पुराने अन्नक्षेत्र में तो महज 3 हजार लोग ही भोजन प्रसादी ले सकते थे। अब एक से डेढ़ लाख लोग यहां भोजन कर सकते हैं।
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