मंदसौर : गायिका अनुजा झोकरकर ने संगीत सभा में गायन की सुंदर प्रस्तुतियां दीभातखंडे स्मृति प्रसंग पर सरस आयोजन हुआ
मंदसौर । संगीत शिक्षा पाठ्यक्रम में स्व. भातखंडे की शब्द और स्वर लिपि की नोटेशन सार्थकता के साथ ज्ञानवर्धन कर रही है । पंडित भातखंडे ने संगीत को पहली बार लिपिबद्ध किया था।
उक्त बात जनपरिषद चैप्टर संयोजक एवं वरिष्ठ पत्रकार डॉ घनश्याम बटवाल ने संस्कृति विभाग मध्यप्रदेश द्वारा नूतन विद्यालय सभागार में आयोजित भातखंडे स्मृति प्रसंग संगीत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में कही। संगीत स्मृति प्रसंग समारोह की अध्यक्षता लता मंगेशकर संगीत महाविद्यालय जनभागीदारी समिति अध्यक्ष नरेंद्र कुमार त्रिवेदी ने की ।
इस संगीत सभा में इंदौर की प्रख्यात गायिका अनुजा झोकरकर ने सुर साधना करते हुए राग पुरिया धनाश्री में विलंबित खयाल के साथ वन वन जाऊं – -प्रस्तुत की , द्रुत खयाल में पनघट ना जाने ना पाऊं से खूब दाद बटोरी। श्रीमती झोकरकर ने राग खमाज में टप्पा प्रस्तुत कर कुमार गंधर्व की बंदिश ओ दिलदारा आजा रे – थारी सूरत दिखा जारे गायन किया । आपके साथ हारमोनियम पर उम्दा संगत पूणे के कलाकार स्वानंद कुलकर्णी ने , तबले की संगत चपलता से पुणे के युवा कलाकार श्री सागर पटोकार के साथ तानपुरा पर मंदसौर की युवा प्रतिभा सुश्री आयुषी देशमुख ने की । कलाकार डॉ मुकेश सक्सेना ने उत्कृष्ट दर्जे का तबला वादन प्रस्तुत किया । आपके साथ मोहम्मद अहमद ने सारंगी वाद्य पर संगत की ।