सुसनेर : दिगम्बर जैन समाज के पयुर्षण पर्व की हुई शुरूआत
सुसनेर । जैन धर्म के दस दिनी पर्वराज पर्यूषण दशलक्षण पर्व की शुरूआत मंगलवार को उत्तम क्षमा से हुई। विभिन्न दिगंबर जैन मंदिर में जुटे श्रृद्धालुओं ने विश्वशांति की कामना से शांतिधारा,अभिषेक पूजन कर उत्तम क्षमा पर चर्चा की। पहले दिन श्रद्धालुओं ने मंदिर में भगवान का अभिषेक,पूजा-अर्चना व दर्शन करने के लिए पहुंचें। पर्व 10 दिनों तक चलेगा। धर्म के 10 लक्षणों का पालन करने की शिक्षा देने वाले इस पर्व को दशलक्षण महापर्व भी कहा जाता है। मंगलवार से 28 सितंबर तक प्रतिदिन जैन मंदिर में सुबह भगवान पूजन, अभिषेक व शाम को आरती होगी। पर्व के पहले दिन मन्दिर में भगवान के अभिषेक, पूजा व दर्शन की भीड लगी रही। पहले दिन परंपरागत रूप से अशोक कुमार कंठाली व परिवार के द्वारा ढोल-बाजे से मंदिर में पूजन सामग्री भेट की गई। इस महापर्व पर जैन मन्दिरो में आयोजित दशलक्षण एवं पंचमेरू मंडल विधान एवं सौलह करण विधान की पूजन के साथ शुरूआत हुई। समाजजनो ने अर्घ चढ़ाकर भगवान की पूजा-अर्चना की। दस दिनो तक इस मंडल विधान की पूजा-अर्चना की जाएगी व अर्घ चढ़ाए जाएगे। सुबह 6 बजे से ही भक्तगण भगवान जितेन्द्र के महाआभिषेक से महोत्सव का प्रारम्भ हो गया । बडा मंदिर अध्यक्ष निर्मल चौधरी व अजित चोधरी ने बताया कि 30 सितंबर को क्षमावाणी पर्व मनेगा। इस पर्व अंतर्गत सत्याचरण,अहिंसा, चोरी नहीं करना, ब्रह्मचर्य और आवश्यकता से अधिक धन जमा नहीं करने का व्रत लेना, काम, क्रोध, लोभ, मोह, ईर्ष्या और वैमनस्य से मुक्ति पाने का मार्ग प्रशस्त करना जैसे सत्कर्म करते रहने के संकल्प लिए जाते हैं। धर्म ग्रंथों का पाठ, प्रवचन, दान आदि धार्मिक कार्य संपन्न किए जाएंगे। जैन धर्म के पर्व पर सभी धर्मव्यलंबी भगवान की भक्ति में दिन भर रहते है।
सोलह करण मंडल विधान की पूजन की हुई शुरूआत
शुक्रवारिया बाजार स्थित चंद्रप्रभु दिगंबर जैन छोटा मंदिर जी में सोलह करण मंडल विधान की शुरूआत हुई। सुबह भगवान के अभिषेक के बाद विधी-विधान से विधान की शुरूआत हुई। समाजजन अशोक जैन (मामा) ने बताया कि मंडल विधान में पहले दिन 65 अर्घ चढाए गए। विधान में कुल 364 अर्घ विधान की पूजन कर चढ़ाए जाएगे। त्रिमुर्ति मंदिर जी एवं चंद्रप्रभु दिगंबर जैन छोटा मंदिर जी में दोपहर 3 बजे तत्वार्थसूत्र का वाचन एवं शाम 6 बजे प्रतिक्रमण किया।
मुनिश्री के सानिध्य में हो रहा आयोजन
त्रिमुर्ति मंदिर में मुनिश्री भूतबली सागर जी महाराज के सानिध्य में दसलक्षण एवं पंचमेरू मंडल विधान की पूजन की जा रही है। दसलक्षण विधान में पहले उत्तम क्षमा की पूजन की गई। पंचमेरू मंडल विधान में सुदर्शन मेरू की पूजन की गई। इसके पूर्व झंडारोहण,शांतिधारा,पूजन,इंद्र प्रतिष्ठा,आचार्य निमंत्रण आदि कार्यक्रम हुवें। दसलक्षण विधान की के 17 एवं पंचमेरू विधान के 14 अर्घ चढ़ाए गए।
दिगंबर जैन बडा मंदिर जी में हुआ आयोजन
पयुर्षण पर्व के अवसर पर श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन बडा मंदिर जी में दसलक्षण विधान एवं पंचमेरू विधान की पूजन की शुरूआत हुई। श्रंद्धालुओं ने मंत्रोचार के बीच भगवान को अर्घ समर्पित किए।