सुसनेर : कांग्रेस के 11 दावेदारों ने बाहरी व्यक्ति की उम्मीदवारी को लेकर जताया विरोध पूर्व मुख्यमंत्री को पत्र लिख एक दूसरे को जिताने की ली शपथ
सुसनेर । विधानसभा चुनाव का समय जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है। विधानसभा चुनाव के लिए दोनों ही पार्टी में उम्मीदवार को लेकर घमासान देखने को मिल रहा है। भाजपा के पूर्व विधायक संतोष जोशी द्वारा इस्तीफा देकर निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद अब कांग्रेस में बाहरी उम्मीदवार को टिकिट ना दिए जाने को लेकर एकजुट होकर विरोध दर्ज करवाया।
सुसनेर विधानसभा सीट से 11 दावेदरों ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के नाम एक पत्र लिखा है जिसमें एक दूसरे की उम्मीदवारी पर सहमति जताते हुए कांग्रेस पार्टी जिसको भी उम्मीदवार बनाती है उसको जितने की शपथ ली।
सुसनेर विधानसभा सीट से बाहरी उम्मीदवार को टिकिट न दिए जाने की मांग की। हालांकि सुसनेर विधानसभा सीट से कांग्रेस से टिकिट की मांग कर रहे बाहरी उम्मीदवार ने भी बाहरी उम्मीदवार को टिकिट दिए जाने पर विरोध जताया है। इसके पूर्व भी ये दावेदार पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं दिग्विजय सिंह से मिलकर बाहरी व्यक्ति को टिकिट दिए जाने का विरोध दर्ज करवा चुके हंै। ऐसे में आने वाले समय में सुसनेर विधानसभा सीट से कांग्रेस के लिए राह आसान नजर नहीं आ रही है।
इन लोगों ने जताया विरोध
कांग्रेस के पूर्व विधायक वल्लभभाई अंबावतिया, प्रदेश कांग्रेस प्रतिनिधि भूपेंद्रसिंह चौहान एडवोकेट, कांग्रेस जिलाध्यक्ष आगर-मालवा बंसीलाल पाटीदार, पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष लाला बलराम सिंह, जिला पंचायत सदस्य जीतू पाटीदार, लोकेंद्र सिंह अरोलिया, पूर्व जनपद सदस्य पूरनलाल पाटीदार, मंडी डायरेक्टर चंदरसिंह देहरीपाल, समर्थ अंबावतिया, सोयतकलां ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष कैलाशचंद पटेल, जिला पंचायत सदस्य विजयलक्ष्मी तँवर बाहरी उम्मीदवार को टिकिट देने का विरोध करने वालों में शामिल हैं।
पिछले 20 साल से हो रही सुसनेर विधानसभा में कांग्रेस पार्टी की हार
सुसनेर विधानसभा क्षेत्र में पिछले 20 साल से कांग्रेस हार रही है। इस दौरान यहां हारे हुए उम्मीदवार के रूप में वल्लभ भाई अम्बावतिया को कांग्रेस ने 2 बार मौका दिया। विधानसभा हमेशा से भाजपा का गढ़ रहा हैं। वर्ष 1952 में म.प्र. में विधानसभा चुनाव की शुरूआत के बाद से अभी तक मात्र 4 बार कांग्रेस उम्मीदवार ने जीत हासिल की है। वर्तमान में कांग्रेस पार्टी पिछले 20 सालों से सुसनेर विधानसभा में नहीं जीत पाई है। कांग्रेस पार्टी की बात करे तो राणा मानसिंह ने 1952 में कांग्रेस पार्टी से जीत हासिल की थी। इसके बाद वर्ष 1980 में कांग्रेस उम्मीदवार राणा नटवरसिंह ने जीत हासिल की थी। वर्ष 1993 एवं 1998 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार पूर्व विधायक वल्लभभाई अम्बावतिया जीते थे। इसके बाद लगातार यहाँ से कांग्रेस हारती आ रही है। ऐसे में कांग्रेस के सामने सुसनेर विधानसभा में जीत एक चुनौती बना हुआ है।