पुलिस की घेराबंदी देख बालिका को छोड़कर भाग युवक -रात 2 बजे घर में घुसकर किया था अगुवा, फुटेज आया सामने
उज्जैन। पुलिस की रात्रि गश्त का बुधवार-गुरूवार रात सकारात्मक परिणाम देखने को मिला है। रात 2 बजे मकान में घुसकर एक युवक ने ढाई साल की बालिका को अगवा कर लिया था। मासूम की मां नींद से जाग गई। शोर-शराबा होने और पुलिस सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची। बालिका को अगवा करने वाले की तलाश में घेराबंदी की गई। पुलिस और क्षेत्रवासियों को देख बदमाश युवक बालिका को छोड़कर भाग निकला। 25 से 30 मिनट में बालिका के मिलने पर परिवार ने पुलिस का आभार जताया है।
मामला चिमनगंज थाना क्षेत्र की कृष्ण विहार कालोनी से जुड़ा है। एलुमिनियम फेब्रिकेशन का काम करने वाले संजय उर्फ सोनू पिता छगनलाल चंद्रावत ने 2 साल पहले कालोनी में मकान बनाया था और परिवार के साथ रहने आया था। मकान का निर्माण पूरा हो चुका है, लेकिन मकान में निकाली गई दुकान का काम अधूरा पड़ा है। इसी रास्ते रात 2 बजे के लगभग एक बदमाश युवक घर में आ गया। संजय की ढाई वर्षीय बालिका प्राची मां दिव्या के पास सो रही थी। बदमाश ने बालिका को उठा लिया और घर से बाहर निकल गया। उसी दौरान दिव्या की नींद खुल गई। उसने बालिका को पास नहीं देखा तो दूसरे कमरे में जाकर देखा। बालिका के नहीं होने पर शोर मचाया, परिवार के साथ आसपास के लोग जाग गये। दिव्या ने समीप प्रितीनगर में रहने वाले रिश्तेदारों को खबर कर दी। मामले की सूचना पुलिस को दी गई। रात्रिगश्त में टीआई आनंद तिवारी, एसआई जितेन्द्र सोलंकी भम्रण कर रहे थे, दोनों टीम के साथ कृष्ण विहार कालोनी पहुंचे और बालिका की तलाश में क्षेत्रवासियों के साथ घेराबंदी की गई। बालिका के मकान की पिछली गली पुलिस और लोग पहुंचे, जहां बदमाश बालिका को छोड़कर पैदल अंधेरे में भागता दिखाई दिया। जिसका पीछा कर पकडऩे का प्रयास किया गया, लेकिन हाथ नहीं लग पाया। पुलिस ने बालिका के सकुशल मिलने पर परिजनों को सौंप मामले में अपहरण का प्रकरण दर्ज किया है। बदमाश का फुटेज भी सामने आया है, जिसमें अंधेरा होने पर उसका चेहरा स्पष्ट दिखाई नहीं दे रहा है। शादी के सात साल बाद हुई बालिका बालिका के मिलने पर परिजन गुरूवार सुबह चिमनगंज थाने पहुंचे थे, उन्होने पुलिस का आभार माना। पुलिस ने बालिका के माता-पिता के कोर्ट में 164 के बयान दर्ज कराये है। दिव्या ने बताया कि बेटी बड़ी मन्नतों के बाद हुई थी। शादी के सात साल गुजरने के बाद घर में खुशियां आई है। बेटी पूरे परिवार की लाड़ली है। माता-पिता के साथ मासूम बालिका भी थाने आई थी, जिसकी मासूमियत पूरी कार्रवाई से अंजान थी।