शुजालपुर । सावन माह में मानसून के रूठने और तापमान के बढ़ने के बाद भादौ माह में हुई पिछले दिनों बारिश से फसलों को फायदा तो पहुंचा, लेकिन अब आगे बारिश होती है तो क्षेत्र में किसानों को भारी नुकसान की संभावना है। क्षेत्र में खरीफ फसल की बुआई जुलाई माह के शुरूआती सप्ताह में हो गई थी। खरीफ फसल के रूप में लगभग 90 प्रतिशत रकबा सोयाबीन का रहता है। जिसमें 9560 सोयाबीन की किस्म की बुआई भी अधिक तर रकबे में हुई है। इस किस्म की उपज 80 से 85 दिन में तैयार हो जाती है। तहसील शुजालपुर, कालापीपल व गुलाना क्षेत्र में सोयाबीन की वह किस्म जो की तीन माह की अवधि में तैयार हो जाती है वह पक चुकी है। साथ ही कुछ हिस्सों में कटाई का दौर भी शुरू हो गया। ऐसे में अब बारिश होती है तो फसलों को काफी नुकसान होगा। उधर सोयाबीन की जो दूसरी किस्में है उसके पत्ते भी पीले पढ़कर झड़ने लगे हैं और यह फसल भी अब लगभग तैयार हो रही है। लगभग एक पखवाड़े में सम्पूर्ण क्षेत्र में सोयाबीन फसल तैयार होने की स्थिति में है। बुधवार को क्षेत्र में मौसम एक बार फिर बदला हुआ नजर आया। आसमान में बादलों की उपस्थिति रही और उमस का वातावरण भी बना रहा। मौसम के इस मिजाज को देखकर किसानों को चिंता सता रही है।