शुजालपुर : टूटे दिल को जोड़ने का एकमात्र उपाय मिच्छामी दुक्कड़म उपवास पर निकला वरघोड़ा
शुजालपुर । कपड़ा फटता है तो उसको सुई धागे से जोड़ा जाता है, कागज फटता है तो उसको सेलो टेप से जोड़ा जाता है, लकड़ी टूटती है तो उसे फेविकोल से जोड़ा जाता है, लेकिन दो दिल अगर टूटते हैं तो उसको जोड़ने का एक मात्र उपाय महावीर ने बताया है वह शब्द है मिच्छामी दुक्कड़म। उक्त उद््गार सिटी के जैन उपाश्रय में जैन साध्वी अमितगुणा महाराज ने व्यक्त करते हुए तपस्या का महत्व बताया और कहा कि सोना तपता है तो ही उसमें चमक आती है, शरीर तपता है तभी आत्मा, परमात्मा बनती हैं। अत: जीवन में तपस्या विशेष महत्व है। नगर में चातुर्मास पर्व के चलते समाजजनों द्वारा तप किया जा रहा है। बुधवार को सौरभ नारेलिया, रक्षिता नारेलिया, दीप्ति चौपड़ा, आशा मेहता के 8 उपवास एवं बबीता चौपड़ा के 11 उपवास की तपस्या पर श्री पार्श्वनाथ मंदिर सिटी से वरघोड़ा निकाला गया, जो शहर के प्रमुख मार्गों से होता हुआ जैन उपाश्रय पहुंचा। जहां पर आरती की बोली लगाई, बोली का लाभ सुनील कुमार नारेलिया, अशोक जिंदाणी नरसिंहगढ़, अशोक नारेलिया ने लिया। सभी तपस्वियों का बहुमान मूर्ति पूजक संघ की ओर से प्रवीण जैन ने किया एवं वर्धमान स्थानक वासी जैन श्रावक संघ की ओर से भी बहुमान किया गया।