शाजापुर : स्व सहायता समूह की महिलाओं ने जिला पंचायत कार्यालय पहुँचकर 12 सूत्रीय मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन
शाजापुर । प्रांतीय महिला स्व सहायता समूह महासंघ के बैनरतले जिलेभर के समूह की महिलाएं कलेक्टर एवं जिला पंचायत कार्यालय पहुंची और यहां अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
सौंपे गए ज्ञापन में बताया कि समस्त स्व सहायता समूहों एवं रसोईया बहनों के द्वारा अपनी 12 सूत्रीय मांगों के निराकरण हेतु अगस्त माह में अनश्चितकालीन हड़ताल चूल्हा बंद आंदोलन किया गया था।
इस आंदोलन पर शासन ने मांगों के निराकरण का आश्वासन दिया था, लेकिन सरकार ने महज एक मांग को पूरा कर इतीश्री कर ली है। समूह की महिलाओं ने ज्ञापन में मांग की है कि प्राथमिक शाला में प्रति छात्र भोजन पकाने की लागत दर 5.45 पैसे की जगह बढ़ाकर 10 रुपये की जाए और खाद्यान 100 ग्राम की मात्रा से बढ़ाकर 200 ग्राम की जाए, माध्यमिक शाला में छात्र भोजन दर 8.17 पैसे से 15 रुपये की जाए, पीएम पोषण आहार एवं महिला बाल विकास विभाग द्वारा स्व सहायता समूहों को वर्तमान में 60 की दर से भुगतान किया जा रहा है, ऐसे में पोर्टल छात्र संख्या अनुसार 100 के मान से भुगतान किया जाए, जिला और कई तहसील स्तर पर ठेकेदारों के द्वारा मध्याह्न भोजन संचालन किया जा रहा है जिस पर रोक लगाई जाए, गैस सिलेंडर महंगा होने से मध्याह्न भोजन संचालित करने वाले समूहों के खातों में 25 बच्चों के मान से रिफंड किया जाए, पीओएस मशीन से फिंगर लगाने पर खाद्यान दिया जा रहा है जिससे कई तरह की परेशानियां आ रही हैं जिसके मद्देनजर पत्रक के माध्यम से समूहों को राशन देने की व्यवस्था की जाए, वर्ष 2000 से मध्याह्न भोजन संचालित करने वाले समूहों में कार्यरत कर्मचारियों को नियमित किया जाए, आंगनवाड़ी केंद्रों में कार्यरत रसोईया बहनों का मानदेय 500 से बढ़ाकर 2 हजार रुपये किया जाए, शालाओं में लगभग तीन वर्षों से गणवेश का वितरण नही हुआ है और ठेकेदारी के चलते शालाओं मे नल-जल योजना का काम गुणवत्ताविहीन किया गया है जिसकी जांच की जाए। साथ ही ज्ञापन में चेतावनी दी गई कि यदि मांगों का शीघ्र ही निराकरण नही किया गया तो आगामी 25 सितंबर से जिलेभर के समूह आंगनवाड़ी और स्कूलों का नाश्ता और भोजन बनाना अनश्चितकालीन के लिए बंद कर देंगे। इस अवसर समूह अध्यक्ष रेखा किशोर वर्मा, कृष्णाबाई मानसिंह, ममताबाई, रेखाबार्ई कालापीपल, ललता बाई, गीताबार्ई, मानकुंवर बाई, बिंद्राबाई, लीलाबार्ई, सोरमबाई, शिवकला बाई, मायाबाई, हेमकुंवरबाई, कमला बाई, चहेताबाई, संतोषबाई, निर्मला शर्मा, सोनाबार्ई, निर्मला गुप्ता, देवबाई, रूखमणीबाई सहित बड़ी संख्या में समूह की महिलाएं उपस्थित थीं।