छात्राओं के हाथ में होंगे बेशर्म के फूल ताकि नेताओं को शर्म आ जाए
जुगाड़ की नाव से पार करना पड़ती है शिप्रा, हर चुनाव में नेता आते हैं, वादे करते हैं और भूल जाते हैं
ब्रह्मास्त्र इंदौर। सांसद, विधायक सहित तमाम नेताओं के वादे सिर्फ वादे ही रहे जो आज तक पूरे नहीं हुए। इंदौर – देवास की सीमा पर बसे एक गांव हिरली की समस्या को दूर करने का हर चुनाव में आश्वासन मिलता है, लेकिन समस्या दूर नहीं होती। समस्या यह है कि इस गांव के लोगों तथा छात्र छात्राओं को जुगाड़ की नाव बनाकर नदी पार करनी पड़ती है। तभी वह अपने दैनिक जीवन को सही ढंग से जी पाते हैं। गांव को एक अदद पुल की जरूरत है जो शिप्रा नदी पर बन जाए, तो इस विकट समस्या से निजात मिल जाए। छात्राओं ने अब ऐसे वादा खिलाफ नेताओं को बेशर्म के फूल दिखाने का मन बनाया है। कल यह आंदोलन होगा , जिसमें छात्राओं के हाथ में बेशर्म के फूल होंगे और वे इंदौर तथा देवास के सांसद , मंत्री, विधायक तथा अन्य नेताओं के कानों तक अपनी बात पहुंचाना चाहेंगी।
हिरली और आसपास के गांवों से लोगों को जुगाड़ की नाव से नदी पार कर इंदौर की सीमा पर बसे अंतिम गांव सिमरोड़ आना पड़ता है। फिर वहां से ये लोग सांवेर आकर इंदौर या अपने गंतव्य की ओर जाते हैं। कई बार राजनीतिक दलों के नेताओं ने वादे किए, लेकिन समस्या आज वैसी ही है। इसको लेकर यहां की छात्राएं कल 12 नवम्बर को बेशर्म के फूलों को लेकर प्रदर्शन करने वाली हैं, ताकि इंदौर जैसे शहर में रहकर गांव जैसी बेबसी से मुक्ति मिल सके।
दरअसल, हिरली हाटपीपलिया विधानसभा का गांव है और सिमरोड़ सांवेर विधानसभा में आता है। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि यहां क्षिप्रा नदी है, जिसका पाट काफी लंबा है। लोग इस पार से उस पार जाने के लिए खाली प्लास्टिक की टंकी और उस पर पटिया बांधकर जुगाड़ की नाव से नदी पार करते हैं। सांवेर में पढऩे वाली छात्राएं भी इसी जुगाड़ की नाव से सांवेर तक आती हैं। ऐसे में किसी दिन कोई घटना घट गई तो इसका जवाबदार कौन होगा ? क्षेत्र में रहने वाले और आंदोलन का नेतृत्व करने वाली महक पठान और कांग्रेस नेता हंसराज मंडलोई के अनुसार हिरली के साथ-साथ अन्य 50 गांव हैं, जो इस रास्ते से सांवेर या फिर इंदौर आते हैं। यहां से सांवेर मात्र 8 किलोमीटर है, जबकि देवास जाने के लिए 28 किलोमीटर का लंबा चक्कर लगाना पड़ता है।
कई बार जनप्रतिनिधियों के समक्ष हमने यह समस्या रखी और एक बार तो इस पुल को बनाने की कार्रवाई भी शुरू हुई, लेकिन बाद में मामला ठंडा हो गया। चूंकि अब दो साल से बंद पड़े स्कूल चालू हो गए हैं तो छात्राओं को फिर परेशानी आने लगी है। छात्राओं ने मंत्री एवं सांवेर विधायक तुलसी सिलावट तथा हाटपीपलिया विधायक मनोज चौधरी पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। दोनों ने चुनाव जीतने के लिए यहां पुल बनाने का वादा किया था, , लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई। न तो देवास सांसद महेन्द्रसिंह सोलंकी ध्यान दे रहे हैं और न ही इंदौर सांसद शंकर लालवानी । कल दोपहर 2 बजे सभी छात्राएं और क्षेत्र के लोग हाथ में बेशर्म के फूल लेकर आंदोलन करने जा रहे हैं।